
UP Police File Photo
उत्तर प्रदेश में खाकी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। कानपुर में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठ रहे हैं। दरअसल, रविवार देर रात कानपुर पुलिस एक महिला व उसकी बेटी को चोरी के आरोप में नवाबगंज थाने ले गई। महिला को जिस चोरी के आरोप में थाने लाया गया था, वह चोरी 22 दिन पहले हुई थी और पुलिस ने 9 मई की रात तीन बजे इसकी रिपोर्ट दर्ज की थी। महिला की बेटी को मकान मालिक के घर चोरी के आरोप में थाने बुलाया गया था। महिला भी उसके साथ गई थी। अगले दिन महिला का शव आशा ज्योति केंद्र में शौचालय में फांसी के फंदे पर लटका मिला। मृतका के घरवालों ने पुलिस पर ही हत्या का आरोप लगाया है।
सास ने लगाया हत्या का आरोप
मामला एनआरआई सिटी के रहने वाले व्यापारी रमन नोमानी से जुड़ा है। नोमानी का आरोप है कि उनके घर में काम करने वाली लड़की ने ज्वैलरी की चोरी की है। पुलिस ने तब नोमानी की एफआईआर तो दर्ज नहीं की लेकिन लड़की के घर पर छापा मारने पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने लड़की और उसकी मां को थाने लाकर जेवर वापस करने का दवाब बनाया। रात 8 बजे पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। तीन बजे रिपोर्ट दर्ज की।
उधर, महिला की सास का कहना है कि वह अपनी बहू-बेटी के साथ गई थी लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर कर दिया। रात एक बजे वह दोनों को सही सलामत छोड़कर पैदल ही घर निकल आई। अगले दिन दोपहर में पुलिस ने महिला को उसकी बहू से मिलने के लिए बुलाया। सास का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बहू को मार डाला।
सवालों के घेरे में कानपुर पुलिस
उधर, पुलिस ने हत्या की बात को नकारते हुए कहा कि रात दो बजे महिला को आशा ज्योति केंद्र में दाखिला किया गया। वह अकेली थी इसलिए उसे घर भेजने की बजाय आशा ज्योति केंद्र में दाखिला करा दिया। इसके बाद रात तीन बजे केस दर्ज किया गया। लेकिन महिला की संदिग्ध परिस्थियों की मौत की वजह से कानपुर पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस ने मीडिया को वारदात वाले कमरे में जाने नहीं दिया।
Updated on:
10 May 2022 02:54 pm
Published on:
10 May 2022 02:37 pm
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