script6 साल तक एक कमरे में बंद रही युवती 22 सौ दिन तक करता रहा रेप | woman kidnapped for 6 years and raped with her in kanpur up | Patrika News

6 साल तक एक कमरे में बंद रही युवती 22 सौ दिन तक करता रहा रेप

locationकानपुरPublished: Mar 30, 2018 08:00:07 am

आरोपी पूरे छह साल युवती को कमरे के बाहर नहीं आने दिया और 22 सौ दिन तक रेप करता रहा।

kanpur

कानपुर. चकेरी निवासी एक युवती अपने रिश्तेदार के घर लखनऊ घूमने के लिए गई थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात मुहर फाटक निवासी संजय से हुई। संजय ने युवती का पर्सनल मोबाइल नंबर ले लिया और समय मिलता तो उससे बाते करता। युवती उसे अपना एक अच्छा दोस्त मानती थी, लेकिन युवक के इरादे कुछ और ही थे। युवती कानपुर लौट आई तो वह पीछा करते हुए उसके घर आ गया। युवक ने एक्सीडेंट की झूठी खबर देकर युवती को लखनऊ बुलवाया। वह जैसे ही रेलवे स्टेशन से बाहर निकली तो अपने एक अन्य साथी के मदद से उसे अगवा कर लिया। उसे एक कमरे में हाथ-पैर बांध कर बंद कर दिया। आरोपी पूरे छह साल युवती को कमरे के बाहर नहीं आने दिया और 22 सौ दिन तक रेप करता रहा। इस दौरान युवती ने कमरे के अंदर ही एक बच्चे को जन्म दिया। बावजूद दरिंदे का दिल नहीं पसीजा। इसी दौरान कमरे का दरवाजा खुला देख पीड़िता अपने तीन साल के बच्चे को लेकर वहां से भाग खड़ी हुई और अपने घर चकेरी पहुंची और परिजनों को पूरी कहानी बयां की। परिजन उसे थाने लेकर गए। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ रवाना हो गई।


लखनऊ से किया अगवा
चकेरी निवासी युवती ने बताया कि छह साल पहले उसकी मुलाकात लखनऊ के मुहर फाटक रेलवे क्रॉसिंग के पास रहने वाले संजय यादव से हुई थी। इस दौरान आरोपी संजय ने उससे मेलजोल बढ़ा लिया। संजय उसे अपनी बातों में फंसाकर लखनऊ बुला लिया। वहां पर संजय ने अपने एक अन्य साथी उमेश यादव की मदद से बंधक बना लिया। आरोपी संजय ने लगातार छह साल तक बंधक बनाकर पीड़िता से रेप किया। युवती ने बताया कि इन छह सालों में उसका एक तीन साल का बेटा भी हो गया। छह साल बाद किसी तरह से पीड़िता आरोपियों के चंगुल से छूटकर वापस चकेरी अपने घर लौटी। वहीं युवती ने पूरा मामला पुलिस को बताया। जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 376 (रेप), 342(जबरन बंधक बनाना) और 506 (जान से मारने की धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।


एक वक्त देता था खाना
युवती ने पुलिस को बताया कि आरोपी सुबह काम के लिए निकल जाता और जब शाम को वापस आता तब मुझे खाना देता। पीड़िता ने बताया कि आरोपी मेरे हाथ-पैर रस्सी से बांध देता और शोर मचाने पर पीटता। कभी-कभी नींद का इंजेक्शन देता। रात को मेरे साथ रेप करता और सुबह के वक्त फिर नशीली दवा खिलाकर निकल जाता। मैंने उससे छोड़े जाने के लिए गिड़गिड़ाई, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। एक बार मैं उसके चंगुल से भागने में कामयाब रही, लेकिन उसके दूसरे साथी उमेश ने फोन कर संजय को बुला लिया। दोनों ने मेरा पीछा कर लखनऊ बस स्टैंड से जबरन कार में बैठा लिया।


तीन साल पहले बच्चे को दिया जन्म
पीड़िता ने बताया कि तीन साल पहले आरोपी के बच्चे की मां बनी। प्रेग्नेंसी के दौरान एकबार मैं बीमार पड़ गई तो आरोपी ने अपने एक मित्र डॉक्टर को घर बुलवाया और वहीं मेरा इलाज चला। नौ माह तक जेंट्स डॉक्टर ने मेरा पूरा इलाज किया। डिलेवरी के वक्त हालत गंभीर होने पर आरोपी ने एक प्राईवेट नर्स को अपने घर बुलाया और उसी से डिलेवरी कराई। डिलेवरी के बाद मैंने उससे कहा कि अब तुम मुझे छोड़ दो, मैं तुम्हारी शिकायत किसी ने नहीं करूंगी और तुम्हारे साथ शादी कर लूंगी। लेकिन उसने मुझे छोड़ने से इंकाऱ कर दिया। पूरे छह साल तक मैंने जेल से भी खराब जिंदगी जी। पीड़िता ने कहा कि ऐसे लोगों को फांसी कह सजा मिलनी चाहिए। मामले पर इंस्पेक्टर चकेरी ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर दोनों आरांपियों को अरेस्ट करने के लिए पुलिस की एक टीम लखनऊ गई है। जल्द ही उन्हें अरेस्ट कर जेल भेजा जाएगा।

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