फिलहाल महिला को उसके बच्चे को अलग कमरे में आइसोलेट कर दिया गया है। जल्द ही उसे मेटरनिटी के कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती किया जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि नवजात को कोरोना संक्रमण है या नहीं, इसके लिए उसका भी सैम्पल लिया जाएगा। इन दिनों शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों से गर्भवती महिलाओं को अपर इंडिया में ही रेफर किया जा रहा है। इससे वहां पर रोज औसतन 25 डिलीवरी का लोड बढ़ गया है। पहले यहां पर रोज 8 से 10 डिलीवरी के केस आते थे। गायनी हेड के अनुसार, इस समय अस्पताल में 70 गर्भवती महिलाएं भर्ती हैं।
गर्भवती महिला के संक्रमित होने की खबर के बाद से ही अन्य सभी गर्भवती महिलाओं और स्टॉफ के लिए अलग-अलग रास्ता निर्धारित कर दिया गया है। अस्पताल के बाहर गार्डों और जूनियर डॉक्टरों की टीम बैठा कर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। संक्रमण से सभी को बचाने के लिए हैलट प्रशासन ने आपात बैठक बुलाई है जिसमें पूरे अस्पताल को तीन दिन के लिए बंद का फैसला हो सकता है। एक प्रस्ताव डीएम और सीएमओ को भेजने की तैयारी है। तब तक डफरिन अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने को कहा जाएगा।
हैलट एंड एसोसिएट हॉस्पिटल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने माना कि जज्चा बच्चा में डिलीवरी के बाद महिला के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट से गंभीर स्थिति पैदा हो गई है। आपात बैठक कॉल की गई है। जरूरत पड़ी तो अस्पताल को कुछ दिनों के लिए बंद करने पर विचार होगा। अस्पतालों का सेनेटाइजेशन लगातार चल रहा है। फिलहाल जेआर को क्वारंटीन कर दिया गया है।