रसोइया संगीता के मुताबिक कोरोना वैक्सीन को लेकर पहले से काफी अफवाहें थी, जिसके चलते मन में डर था। यहां तक कि स्टॉफ के लोग कई तरह की बातें करते थे। आज टीकाकरण के पहले मन में घबराहट थी तो उन्होंने अपने पिता घिरऊराम निवासी अम्बेडकर नगर से फोन पर बात की। जिसके बाद उन्होंने समझाकर हिम्मत बढ़ा दी। इस पर सुबह वह अस्पताल पहुंच गईं थी। वहां पर प्रिंसिपल प्रो. आरबी कमल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना और अन्य डॉक्टर मौजूद थे। टीका लगवाने के लिए कुल पांच लोग आए थे। महिलाओं में केवल वही अकेली थीं। अधिकारियों ने उनका उत्साहवर्धन किया। बताया गया कि सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर उन्हें वैक्सीन लगा दी गई।
उन्होंने बताया कि पहले डॉक्टर व अन्य स्टाफ ने उनसे किसी भी तरह की बीमारी, एलर्जी होने की बात पूछी। साथ ही अन्य तरह की जानकारी ली। टीकाकरण के बाद उन्हें आधे घंटे तक रेस्ट रूम में रोका गया। वहां पर भी मेडिकल स्टाफ आकर जानकारी लेता रहा। फिलहाल टीका लगने के बाद वैक्सीन को लेकर भ्रम व भय समाप्त हो गया है। पति वीरेंद्र कुमार और बच्चों ने भी हौसला बढ़ाया था। 14 फरवरी को फिर से टीका लगवाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की बीमारी केवल टीके लगवाने से दूर होगी। किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है। अन्य स्टाफ का मनोबल बढ़ाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है।