scriptपुरुषों के मुकाबले सात गुना ज्यादा महिलाएं क्यों करती हैं आत्महत्या | Women have more suicide tendency than men | Patrika News

पुरुषों के मुकाबले सात गुना ज्यादा महिलाएं क्यों करती हैं आत्महत्या

locationकानपुरPublished: Sep 16, 2019 11:38:19 am

अवसाद और तनाव का महिलाओं में खतरा ज्यादा सामाजिक भेदभाव का उन पर होता ज्यादा असर

suicide tendency in women

पुरुषों के मुकाबले सात गुना ज्यादा महिलाएं क्यों करती हैं आत्महत्या

कानपुर। महिलाओं की सोच पुरुषों से काफी अलग होती है। पुरुष ऐसी कई बातों पर ध्यान नहीं देते जो उन्हें ठेस पहुंचाए, जबकि महिलाएं ऐसी बातों को दिल में रख लेती हैं। पुरुषों के मुकाबले ज्यादा भावुक होने के कारण महिलाओं पर सामाजिक भेदभाव का ज्यादा असर होता है, यही वजह है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति सात गुना ज्यादा होती है।
माहौल बदलने की जरूरत
एसोसिएशन ऑफ साइकियाट्रिक्स के संयोजन में आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कांफ्रेंस में लखनऊ की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. शशि राय ने बताया कि महिलाओं को आत्महत्या की सोच से दूर रखने के लिए घर, परिवार के माहौल को दूर रखने की जरूरत है। महिलाओं में तनाव, अवसाद और बाइपोलर डिस्आर्डर समेत सभी मेंटल बीमारियों के होने की आशंका बनी रहती है।
सकारात्मक सोच हो विकसित
डॉ. राय के मुताबिक महिलाओं में पॉजिटिव मेंटल हेल्थ की जरूरत है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में हॉरमोन के बदलाव से ज्यादा सामाजिक व्यवहार का ज्यादा असर पड़ता है। सामाजिक भेदभाव उन्हें ज्यादा परेशान करता है। बचपन से ही जिन महिलाओं में बेटा-बेटी में फर्क की सोच बैठ जाती है, उनमें नकारात्मकता जल्दी घर कर जाती है।
म्यूजिक थेरेपी से मिलती राहत
झांसी मेडिकल कॉलेज के डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि महिलाओं में यह एक विशेष प्रकार का मनोरोग ही है, जिसे म्यूजिक थेरेपी से भी कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि म्यूजिक थेरेपी से तनाव और अवसाद को दूर करने में मदद मिलती है। दवाओं के साथ यह थेरेपी देने से जल्दी राहत मिलती है।
भेदभाव की सोच करें दूर
महिलाओं को भेदभाव की सोच से बाहर निकालकर उन्हें आत्महत्या की ओर प्रेरित होने से रोका जा सकता है। इसमें सबसे बड़ा रोल परिवार का है। शादी से पहले माता-पिता और शादी के बाद पति की भूमिका सबसे अहम होती है। इन लोगों का साथ महिलाओं में नकारात्मकता विकसित नहीं होने देता है। घर-परिवार के अन्य सदस्यों का सहयोग भी मददगार साबित हो सकता है।
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