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मुसीबतों से गुजर रहे मरीज फिर भी शुरू नहीं हुआ महिला अस्पताल

locationकानपुरPublished: Jan 17, 2018 11:20:20 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

शासन ने वर्ष 2016 में झींझक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर के एक हिस्से में 30 सैयां वाले महिला अस्पताल का निर्माण शुरू कराया था।

Kanpur Dehat Hospital

Kanpur Dehat Hospital

कानपुर देहात. स्वस्थ विभाग में व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए यूपी सरकार द्वारा खूब प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं हिलाहवाली के चलते गरीब मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं उन तक पहुंच नहीं पा रही हैं। महिलाओं के लिए स्वास्थ्य की सुविधाएं पहुंचाना भी सरकार का मुख्य उद्देश्य हैं, लेकिन इसमें भी वो असमर्थ हैं। महिलाओं को सुविधाएं पहुंचाई जा सके, इसके लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन हीलाहवाली के चलते उसका लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही हाल कुछ झींझक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में खड़ी तीन करोड़ की लागत से तैयार महिला अस्पताल को देखने को मिल रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इमारत को कार्यदायी संस्था ने हैंडओवर तो कर दिया है, लेकिन विभाग की हीलाहवाली के चलते स्टाफ व संसाधनों के अभाव में 30 सैया वाला यह अस्पताल शुरू नहीं हो पा रहा है।
3 करोड़ लागत से बना यह मैटरनिटी विंग-

शासन ने वर्ष 2016 में झींझक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर के एक हिस्से में 30 सैयां वाले महिला अस्पताल का निर्माण शुरू कराया था। एक साल बाद सितम्बर 2017 में करीब तीन करोड़ की लागत वाले अस्पताल का निर्माण पूरा हो गया। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट लिमिटेड ने निर्माण पूरा कराते हुए विभाग को अस्पताल हैंडओवर कर दिया। तमाम दावों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अफसर तथा क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि अस्पताल में योग्य चिकित्सक स्टाफ व् मशीनरी का प्रबंध नहीं करा पाए हैं। प्रसव तथा अन्य बीमारियों से पीड़ित महिलाओं को जरूरत के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींझक से जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। प्रतिदिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींझक में 10 से 12 प्रसव पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।
ये हाईटेक सुविधाओं से है लैस अस्पताल-

इसके अलावा कंचौसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवासपुर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संदलपुर से रेफर महिला मरीजों को यहां प्रसव तथा दूसरी बीमारियों के उपचार के लिए लाया जाता है। सर्जरी तथा क्रिटिकल कंडीशन्स में महिला मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करना आम बात बन चुकी है। जबकि ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए शासन की मंशा के मुताबिक उक्त महिला अस्पताल का निर्माण कराया गया है। 30 सैया वाले महिला अस्पताल में कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में प्रसव तथा गंभीर बीमारियों की अवस्था में महिलाओं को सीढ़ियां चढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जनपद में पहला ऐसा अस्पताल है, जहां लिफ्ट के जरिए मरीजों को लाने ले जाने की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके साथ ही ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड आईसीयू, एनआईसीयू दो ऑपरेशन थिएटर व योग्य महिला चिकित्सकों की सुविधाएं भी शामिल हैं। 3 करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुए महिला अस्पताल में चिकित्सीय स्टाफ की तैनाती बेड, कुर्सी, मशीनों के लिए शासन की अनुमति आवश्यकता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झींझक के अधीक्षक डॉ विमलेश कुमार ने बताया उच्चाधिकारियों के माध्यम से महिला अस्पताल में सेवाएं शुरू कराए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। चिकित्सीय स्टाफ के लिए शासन द्वारा लगातार भर्तियां की जा रही है। जल्द ही महिला अस्पताल स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैयार होगा।
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