शहर के दो प्रमुख विजय नगर और बड़ा चौराहा पर किए गए एक सर्वे में सामने आया कि रोजाना दो सौ स्कूटी सवार महिलाओं में औसतन 40 फीसदी युवतियां हेलमेट नहीं पहन रही हैं। इसमें सबसे ज्यादा छात्राएं शामिल हैं, जो हेलमेट डिग्गी में रखकर चलती हैं। अधिकतर कामकाजी महिलाएं हेलमेट पहनकर चलती मिलीं। एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार ने बताया कि सामान्य तौर पर महिलाओं और छात्राओं को विनती करने पर चेकिंग के दौरान छोड़ दिया जाता है। अब सख्ती से चालान की कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
अब चौराहों पर जांच कर रही पुलिस सिर्फ हेलमेट और सीटबेल्ट नहीं लगाने वालों को ही रोककर जांच करेगी। बाइक की तरह कार सवारों और एसयूवी गाडिय़ों की चेकिंग होगी। एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार ने बताया कि इस संबंध में यातायात निदेशालय से एक आदेश जारी किया है। इसमें साफ तौर पर लिखा है कि केवल वाहनों का कागज चेक करने के लिए नहीं रोका जाएगा। प्रथम दृष्टया हेलमेट और सीटबेल्ट के साथ यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को ही रोका जाएगा। इसके बाद यातायात नियमों या ट्रैफिक सिग्नल तोडऩे वालों के कागज जांचे जाएंगे। दो पहिया वाहनों की तरह चार पहिया और एसयूवी वाहनों की भी जांच की जाएगी।