सरसों के तेल में अब तक ब्लेंडिंग की छूट है। इसकी कोई सीमा तय नहीं है। इसीलिए कुछ कंपनियां गड़बड़ करने से नही चूकती हैं। जैसे 20 फीसदी सरसों का तेल और 80 फीसद पॉम ऑयल (Palm Oil), राइस ब्रान (Rice Bran) मिलाकर उसे सरसों का तेल बताकर बेचती हैं। लोगों की सेहत सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नवंबर 2020 में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने इस पर पूर्ण रूप से रोक लगाने की तैयारी की थी। इसलिए अब जो भी ब्लेंड तेल होगा, उसके डिब्बे या पैकेट पर साफ-साफ मल्टी सोर्स एडिबल वेजीटेबल ऑयल लिखना होगा, ताकि ग्राहक धोखे में न रहें। इस संबंध में 8 मार्च को अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। आपको बता दें कि ब्लेंड तेल दो या दो से अधिक तेलों का मिश्रण होता है।
जिला अभिहित अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि अगर डिब्बे पर गलत जानकारी दी गई तो लेबल व पैकेजिंग एक्ट के तहत मुकदमा होगा। गलत ब्रांडिंग करने पर तीन लाख का जुर्माना किया जाएगा। इसके साथ ही धोखाधड़ी के मामले में 10 लाख का जुर्माना किया जाएगा।