देश में पहला योगा दिवस 21 जून को मनाया गया. इस दिन को 177 देशों के समर्थन के साथ मनाया गया. इसमें 81 देशों के प्रतिनिधियों ने मिलकर भाग लिया. इसी के साथ गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में देश का नाम दर्ज हुआ, जो सभी के लिए गर्व की बात है. इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि योग को और बेहतर बनाने के लिए नेशनल योग बोर्ड का गठन किया गया है. इस बोर्ड का काम होगा योग को और भी ज्यादा बेहतर बनाना और उसे देश के कोने-कोने तक पहुंचाना.
कार्यक्रम में मौजूद सांसद मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि योग हमारे पूर्वजों की धरोहर है. सिर्फ यही नहीं, मोहन जोदाड़ों की खुदाई तक में भी योग के प्रमाण मिले थे. इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि योग शरीर, बुद्धि, मन एवं आत्मा का मिलन है. संस्थान के चेयरमैन प्रणवीर सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से हमें दूसरे देशों की सभ्यताओं एवं उनके विचारों को जानने का मौका मिलता है.
कार्यक्रम संयोजक एवं डीन डॉ. शिवानी कपूर ने इस दौरान बताया कि विषेश अतिथि ने ‘वैश्विक परिदृश्य में योग एवं भारतीय और दक्षिण एशियाई सभ्यताओं की विचारधारा का वर्तमान में महत्व’ विषय पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में विधायक अभिजीत सिंह सांगा, प्रबंध निदेशक शेफाली राज मौजूद रहे.