काबिलियत के साथ-साथ शोध में मिलेगी मदद समझौते के प्रारूप के मुताबिक, आईआईटी के विशेषज्ञ राज्य के तकनीकी संस्थानों में शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही शोध में भी मदद करेंगे। आईआईटी की टीम छात्रों को स्टार्ट-अप योजनाओं में सुझाव के साथ-साथ मार्गदर्शन देगा। राज्य के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि पॉलीटेक्निक छात्रों के शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जल्द ही वर्चुअल क्लासेस का भी विस्तार करेगी। राजकीय इंजीनियरिंग कालेज के बेहतर शिक्षक वर्चुअल क्लास के जरिए पॉलीटेक्निक छात्रों को भी पढ़ाएंगे।
राज्य में 142 सरकारी पॉलीटेक्निक कालेज हैं फिलहाल प्रदेश में 142 सरकार अनुदानित पॉलीटेक्निक हैं। इसके अलावा 375 निजी पॉलीटेक्निक हैं। दावा है कि सभी कालेजों में दीक्षांत समारोहों के माध्यम से सत्र नियमित कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार पॉलीटेक्निक कालेजों में सीटें खाली रहने को लेकर गंभीर है। इसी कारण ‘पॉलीटेक्निक चलो अभियान’ शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत राजकीय पॉलीटेक्निक कालेजों के शिक्षक माध्यमिक कालेजों में जाएंगे और छात्रों को जानकारी देंगे कि पॉलीटेक्निक की पढ़ाई से क्या फायदे हैं और किस तरह का रोजगार हासिल होगा।
कई पॉलीटेक्निक कालेज बंद होने के कगार पर छात्रों की कमी के कारण राज्य के कई पॉलीटेक्निक संस्थान बंदी के कगार पर हैं। अलबत्ता प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन के चलते आईटीआई संस्थानों में छात्रों की कमी की समस्या दूर हो गई है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े शहरों में स्थित पॉलीटेक्निक कालेजों में एडमिशन के लिए सिफारिश लगानी पड़ती हैं, जबकि छोटे शहरों के इंजाीनियरिंग संस्थान वीरान हैं।