रेलवे की 42 स्पेशल गंगाघाट पर क्रॉसिंग पर ब्रिज बनाने का प्रपोजल वर्ष 2010 में पास हुआ था. हालांकि स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन 4 वर्ष बाद काम शुरू कर सका था. हालांकि रेलवे ने अपना हिस्सा काफी पहले ही बना दिया है. कैंट की एनओसी आदि वजहों से काम लंबे समय से अटका रहा है. हालांकि अब इन समस्याओं से छुटकारा मिल गया है. इन समस्याओं की वजह से कई बार इसके पूरे होने की लक्ष्यावधि बढ़ाई जा चुकी है.
अब नया लक्ष्य दिसंबर 2018 दिया गया, हालांकि अभी भी कार्य की रफ्तार की काफी धीमी है. इसकी दिसंबर तक ब्रिज बनते नहीं नजर आ रहा है. अब स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन के ऑफिसर भी इसे मानने लगे है. इसकी एक बड़ी वजह बजट की कमी बताई जा रही है. स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर जेएस सयाना ने बताया कि शासन से बजट मांगा जा रहा है, ताकि काम में तेजी लाई जा सके. अभी ब्रिज को पूरी तरह से तैयार होने से 6 महीने से अधिक समय लग जाएगा. इसके लिए शहर की जनता को अभी और इंतजार करना होगा.
16 नवंबर 2010 को गोला घाट ब्रिज प्रोजेक्ट पास हुआ था. उस वक्त प्रोजेक्ट की कीमत 3491.50 लाख रुपये बताई गई थी. ब्रिज का काम शुरू हुआ मार्च 2014 में. इसके लिए 2516.32 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई. अब इसको लेकर दिसंबर 2018 का लक्ष्य रखा गया है.