चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सब्जियों की संरक्षित खेती को लेकर शुरू हुए प्रशिक्षण में एमएससी और पीएचडी के छात्रों को खेती की नई तकनीक समझाई गई। प्रथम सत्र में वैज्ञानिक डॉ. ब्रह्म सिंह ने छात्रों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि अब नौकरी देने वाले बनें। जलवायु परिवर्तन की चुनौती को स्वीकार करें।
सीएसए के प्रो. सुशील सोलोमन ने बताया कि गन्ने की खेती के साथ कम अवधि वाली सब्जियों की खेती करने से किसानों की आय बढ़ेगी, साथ ही खेतों की उर्वरक क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि गन्ने की फसल लंबे समय की होती है, इस दौरान दूसरी फसल के लिए किसान को इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में गन्ने के साथ ही उसी खेत में सब्जियों को उगाकर किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है। इससे मिट्टी और उपजाऊ होगी।
संरक्षित खेती पर जोर देते हुए डॉ. ब्रह्म सिंह ने बताया कि पॉली हाउस, नेट हाउस ग्रीन हाउस आदि से हर सीजन की सब्जियों को उगाने का विकल्प रहता है। इससे सब्जियां सुरक्षित रहती हैं और उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होती है। नेट हाउस में गर्मियों के मौसम में सब्जियों को झुलसने से बचाया जा सकता है साथ ही सर्दियों में पैदा होने वाली सब्जियां भी उगाई जा सकती हैं। इससे घातक रसायनों से भी छुटकारा मिलेगा।