यूट्यूब पर पिछले साल नैरोबी में एक नववधू के साथ उसकी शादी के दिन हुए गैंगरेप की वीडियो वायरल होने पर पूरी दुनिया सकते में आ गयी थी। केन्या की टैरी गोबान्गा ने बिना झिझक पूरी दुनिया के सामने अपनी आपबीती सुनायी थी और इस सभ्य समाज को ***** कर दिया था। अब कानपुर में केन्या की तरह एक घटना सामने आ रही है। यहां भी एक दुल्हन के साथ इलाके के पांच दबंगों ने उस समय गैंगरेप किया जब उसकी बारात आ चुकी थी। ये घटना 12 मई की है। आठ घण्टे तक वहशी दरिन्दों के चंगुल में रही अल्पना (काल्पनिक नाम) को छोडऩे के लिये उसकी मां गुहार लगाती रही। अपनी बेटी की अस्मत बचाने के लिये उसकी बारात दरवाजे आने की बात कहकर अपना सिर पटकती रही लेकिन दबंगों ने उसे उस लड़की को बर्बाद करके छोड़ा जो कुछ देर बाद अपने दूल्हे के साथ सात फेरे लेकर नयी जिन्दगी की शुरूआत करने वाली थी।
इस घटना के बाद इज्जत का वास्ता देकर माता-पिता ने उसे चुप रहने को कहा और उसके फेरे करा दिए, लेकिन अगले ही दिन ससुरालवालों ने उसके जिस्म पर घाव देखकर मामला पूछा और घर से निकाल दिया। अब अल्पना की जिन्दगी तार-तार हो चुकी थी। एक बार उसने जान देने की सोची लेकिन फिर अपने गुनहगारों को उसके किए की सजा दिलवाने का इरादा ठान लिया। वो रेप की शिकायत दर्ज कराने रसूलाबाद पुलिस थाने पहुंची लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाय उसे भगा दिया। पुलिस इसे आपसी और पुरानी रंजिश के तहत गढ़ी गयी एक कहानी मान रही थी। पुलिस ने इस बात की जरूरत भी नहीं समझी कि पीडि़त युवती का मेडिकल परीक्षण करा लिया जाय। थकहार कर अल्पना ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की शरण ली।
आयोग ने अल्पना की शिकायत को गम्भीरता से लिया और कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को लिखित निर्देश दिये कि पीडि़त युवती का मेडिकल परीक्षण कराया जाये, सीआरपीसी की दफा 164 के तहत कलमबन्द बयान दर्ज किये जायें और एएसपी स्तर के अधिकारी से जांच कराकर अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की जाय। आयोग से मिली तलाड़ के बाद कानपुर देहात जिले की पुलिस ने युवती के साथ उसके विवाह के दिन गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया है।
अनुसूचित जाति आयोग ने कानपुर जोन पुलिस से 25 जून तक कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की है, लेकिन मेडिकल एक्सपर्ट्स की माने तो गैंगरेप की घटना के एक माह बाद मेडिकल परीक्षण में बहुत कुछ हासिल की उम्मीद कम ही रहती है। यदि पुलिस को अपना काम ईमानदारी से करना है तो उसे आरोपियों के खिलाफ अन्य सबूत भी जुटाने होंगे।
आरोपियों के नाम
सत्यम शुक्ला उसका भाई छोटे शुक्ला, रोहित और उसका भाई शैलेन्द्र व एक अन्य अज्ञात।