पीलिया के चलते मौत
विधायक सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि पटकापुर निवासी निशा सिंह का बड़ा बेटा सुरेंद्र प्रताप सिंह (30) हैदराबाद एक प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस में काम करने गया था। लॉकडाउन की वजह से सुरेंद्र का सिक्योरिटी का काम बंद हो गया। इसी बीच उसे पीलिया हो गया। गांधी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान सोमवार को उसकी मौत हो गईं। मृतक की मां हमारे पास आई और बेटे के शव को कानपुर लाए जाने को कहा। विधायक ने बताया कि टेलिफोनिक वार्ता कर वहां के अधिकारियों से, संपर्क साध कर, उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम करवाया।
मित्र को दी जिम्मेदारी
विधायक ने बताया फिर हमनें अपने मित्र, जय नारायण को युवक के शव को लाने की जिम्मेदारी दी। जयनारायण शव को एंबुलेंस से कानपुर के लिए लेकर रवाना हो गए हैं। संभवता बुधवार की शाम तक युवक का शव कानपुर आ जाएगा। विधायक ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते हमने जिलधिकारी ब्रम्हादेव तिवारी से चर्चा कर शव को जनपद में प्रवेश देने की अनुमति मांगी है।
विधायक ने कहा मेरा फर्ज
विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि जनता के लिए जनप्रतिनिधि जवाबदेह होता है। जनता की समस्याओं का निराकरण उसका प्रथम कर्तव्य होता है। मैंने भी अपना कर्तव्य निभाया। हलांकि यदि मुझे निशा सिंह के बेटे की बीमारी की बात पहले पता चल जाती तो शायद उसे हम बचा सकते। पर ऐसा नहीं हो सका। विधायक ने कहा कि मृतक के परिजनों के साथ पूरी सरकार खड़ी हे। कोरोना वायरस की जंग में हमसभी को धैर्य से कार्य करना होगा। हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है िकवह एक-दूसरे की मदद कर इस जंग को जीतने में अपना सहयोग दें।
सिर्फ दिया आश्वासन
निशा सिंह ने बताया कि बेटे की मौत के बाद हमने कंपनी के मालिक से बात की, लेकिन लाॅकडाउन के चलते उन्होंने शव कानपुर लाने पर हाथ खड़े कर लिए। सांसद सत्यदेव पचैरी और जिलाधिकारी ब्रम्हादेव तिवारी से भी मिली। दोनो ंने आश्वासन दिया। इसी बीच हमने विधायक सुरेंद्र मैथानी से संपर्क कर उनके आवास पर जाकर मिली और पूरी दास्तां बयां की। उन्होंने आश्वासन के बजाए सीधे एक्शन लेते हुए तत्काल अपने मित्र को इस नेक कार्य के लिए लगाया। इसी के कारण अब मैं अपने लाल को आखरी बार देख सकूंगी।