क्या था पूरा मामला
थाना बर्रा निवासी है सुबोध कुमार, जो दिब्यांग है। पीड़ित ने बताया कि क्षेत्र के दबंग परशुराम और उसके साथियों ने मेरी किराने की दुकान में धावा बोल दिया। पूरा सामान लूट ले गए। घटना की जानकारी मैंने पुलिस को दी, लेकिन थाने से कोई नहीं आया। मैं खुद बर्रा थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। पर थानेदार ने मुझे उल्टा अशब्द कह कर भगा दिया। मैं सीओ स्वरूप नगर के पास पहुंचा पर वहां से भी मुझे मायूषी हाथ लगी। एसएसपी के इर पर जाकर गुहार लगाई लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई। दो वक्त की रोटी चले जाने के चलते मैं भुखमरी की कगार पर आ गया और इसी के चलते डीएम के ऑफिस के पास आकर जान देने का प्रयास किया।
आत्मदाह का लिखित में किया था ऐलान
दिब्यांग ने बताता कि वो डीएम ऑफिस भी आया, पर यहां जिलाधिकारी नहीं मिलने के कारण उसे वापस लौटना पड़ा। उधर दबंगों की इसकी जानकारी हुई तो वो मुझे जान से मारने की धमकी देने लगे। दो दिन पहले मैंने डीएम कार्यालय में इंसाफ नहीं मिलने की दशा में आत्महत्या करने की लिखित में घोषणा की थी। फिर भी उस कागज पर अलाधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते मुझे यह कदम उठाना पड़ा। पीड़ित ने बताया कि उसकी बूढ़ी मां और छोटी बहन का पालन-पोषण मैं इसी दुकान के जरिए करता था। लेकिन दबंगों ने मेरी दुकान में लूटपाट कर परिवार समेत खाली पेट सोने पर मजबूर कर दिया है।
अब सीएम से करूंगा शिकायत
दिब्यांग ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि पहले थाने जाओ, वहां पर शिकायत दर्ज न होते सर्किल के अफसर से मिलो, बावजूद न्याय नहीं मिले तो जिले के एसएसपी और डीएम के पास जाकर मामले से अवगत कराओ। वो भी न सुनें तो फिर मेरे पास आकर अपनी शिकायत लेकर आवो। बोला, यदि पुलिस-प्रशासन दबंगों के खिलाफ एफआईआर नहीं खिलते तो मैं सीधे अपने प्रदेश के सीएम के पास जाऊंगा और पूरे प्रकरण से उन्हें अवगत कराऊंगा। वहीं मामले पर सिटी मजिस्ट्रेट वैभव मिश्र ने बताया कि यह मकान किरायेदारी का मामला है। फिर भी बर्रा पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करें। कोई भी यदि दोषी पाया जाए तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर जेल भेजें।