कोरोना की तीसरी लहर की आशंका में कोविड उपचार प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए चिकित्सालय में बीते पांच माह में दो ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए। जबकि कोविड के दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए मारामारी के माहौल के बीच महज 24 सिलेण्डर छोटे प्लांट और तीन मैनीफोल्ड यूनिटों से रोगियों की उखड़ती सांसों को संवारा गया था।
प्रमुख चिकित्सालय अधिकारी डॉ.नमोनारायण मीणा ने बताया कि एनएचएम के तहत स्वीकृत 100 सिलेण्डर क्षमता के प्लांंट गत दिवस तैयार हो गया। करीब 86 लाख रुपए के लागत में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण राज्य सरकार की राजस्थान इलैक्ट्रिक इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड(रील) जयपुर द्वारा किया है। इस प्लांट से प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का निर्माण होगा। जो 24 घंटे में 100 सिलेण्डर ऑक्सीजन तैयार करेगा।
राजस्थान इलैक्ट्रिक इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड(रील) के जेई-1 भरतसिंह चौधरी ने बताया कि गत दिनों गुजरात से आए इंजीनियरों के दल ने प्लांट की मशीनों को स्थापित किया था। प्लांट को शुरू कराने के लिए ऑक्सीजन प्लांट उपकरण निर्माण कम्पनी कैम के इंजीनियरों को बुलवाया गया था।
फैक्ट फाइल- 250 पलंग क्षमता का है जिला चिकित्सालय। 24 सिलेण्डर का ऑक्सीजन प्लांट चालू। 75 सिलेण्डर का ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार। 100 सिलेण्डर का ऑक्सीजन प्लांट को हो रहा निर्माण।