दोपहर बाद करीब तीन बजे ब्राह्मण समाज के सैकड़ों लोग तहसील अध्यक्ष अशोक शर्मा के नेतृत्व में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। जहां पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। मृतक मुकेश अवस्थी उर्फ मोनू के पिता भूदेव अवस्थी ने बताया कि 23 सितंबर को नई मंडी थाना पुलिस अचानक उनके घर पहुंची और पुत्र मुकेश को जबरन जीप में पटक कर ले गई। उन्होंने आरोप लगाया कि थाने में पुलिस ने मुकेश के साथ मारपीट की। इसके अगले दिन 24 सितंबर को पुलिस ने साजिश के तहत मुकेश के खिलाफ राजकार्य में बाधा की झूठी एफआईआर दर्ज कर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
करौली कारागार में रविवार को मुकेश की हालत बिगड़ी, जिसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। ब्राह्मण समाज के लोगों ने मामले की जांच सीबीआई से कराने, नई मंडी थाने के दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई, मृतक के परिजनों को 50 लाख की सहायता राशि देने, परिवार के एक जने को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की। समाज के लोगों ने मांगे नहीं माने जाने तक शव की सुपुर्दगी नहीं लेने की बात कही। साथ ही ब्राह्मण समाज की ओर से उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। इस दौरान देवीसहाय दत्तात्रेय, शैलेश लवानिया, मधुसूदन तिवारी, दीनदयाल शर्मा, कैलाश शर्मा, शुभम तिवारी, कौशल, दीपक अवस्थी आदि मौजूद थे। इधर सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक ने मामले की जांच सीबीआई से कराने और मृतक के परिजनों को 50 लाख की सहायता राशि स्वीकृत किए जाने की मांग की है।
ट्रोला खड़ा कर अस्पताल रोड पर लगाया जाम-
घटना से नाराज ब्राह्मण समाज के युवाओं ने मृतक के मोहननगर स्थित आवास के सामने ट्रोला व कार को खड़ा कर अस्पताल रोड़ पर जाम लगा दिया। लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगा मृतक मुकेश को न्याय दिलाने व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई। तहसील मोड़ से राजकीय अस्पताल तक जाने वाली मुख्य सड़क दिनभर जाम रही। जिससे लोगों को दूसरे रास्तों से होकर निकलना पड़ा।
घटना से नाराज ब्राह्मण समाज के युवाओं ने मृतक के मोहननगर स्थित आवास के सामने ट्रोला व कार को खड़ा कर अस्पताल रोड़ पर जाम लगा दिया। लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगा मृतक मुकेश को न्याय दिलाने व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई। तहसील मोड़ से राजकीय अस्पताल तक जाने वाली मुख्य सड़क दिनभर जाम रही। जिससे लोगों को दूसरे रास्तों से होकर निकलना पड़ा।