करीब 500 साल पुराने मंदिर की दीवारें जर्जर हो रही हैं। आए दिन दीवारों से गिरता चूना-पत्थर और फर्श में हो रहे गड्ढ़े भवन को बदहाली को बयां कर रहे हैं। मंदिर मंहत द्वारा अवगत कराने के बाद भी प्रशासन ने मंदिर के हाल पर ध्यान ध्यान नहीं दिया है।
हादसे की बनी हुई है आशंका- पुजारी योगेश शर्मा व मंदिर की सुरक्षा का कार्य देख रहे हरिओम गुर्जर ने बताया कि कई वर्ष से मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आर्थिक सहायता की मांग की जा रही है। लेकिन देवस्थान विभाग ध्यान नहीं दे रहा हैै। जर्जर हाल हो रहे भवन में हादसा होने की आशंका बनी है। मंदिर के अहाते में छजली काफी कमजोर हो गए हैं। फूल बंगला सजानेे पर गिरने की आशंका रहती है।
द्वितीय मंजिल भी हुई जर्जर-
भक्त हरिओमशरण ने बताया कि क्षेत्र के प्रसिद्ध जैन मंदिर से भी प्राचीन ठाकुर बृजनंदन और नवग्रह मंदिर किसी समय क्षेत्र की आस्था के एकमात्र केंद्र थे। समय के बदलते हालातों में लोग इन मंदिर को भूलते जा रहे हैं। देखरेख के बिना कारण मंदिर की द्वितीय मंजिल पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। पहली मंजिल की हालत ठीक नहीं है। ईश्वर सिंह, रूप सिंह, विजय कृष्ण शर्मा , राजेशसिंह, खेमसिंह सहित दर्जनों लोगो ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिर के जीर्णोद्धार आर्थिक सहायता स्वीकृत कराने की मांग की है।
ऐतिहासिक है प्राचीन नवग्रह मंदिर-
ठाकुर बृजनंदन मंदिर परिसर में ही प्राचीन नवग्रह व शिवालय भी बने हुए हैं। उनकी हालत भी जर्जर है। प्राचीन स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने के रूप में चार खंभों की छतरी वाला शिवालय भी अब बदहाल है। मंदिर परिसर में जिले का एकमात्र नवग्रह मंदिर है। जो उपेक्षा के कारण जर्जरहाल हो गया है।