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आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुरू हुआ चलो चलें आंगनबाड़ी अभियान

locationकरौलीPublished: Nov 15, 2019 12:09:40 am

Submitted by:

Dinesh sharma

करौली. आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आओ सुनिश्चित करें के तहत चलो चलें आंगनबाड़ी अभियान गुरुवार से शुरू हुआ है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुरू हुआ चलो चलें आंगनबाड़ी अभियान

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुरू हुआ चलो चलें आंगनबाड़ी अभियान

करौली. आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आओ सुनिश्चित करें के तहत चलो चलें आंगनबाड़ी अभियान गुरुवार से शुरू हुआ है। इसका उद्देश्य आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुपोषण का स्तर कम कर पोषण को बढ़ावा देना है। यह अभियान टाटा ट्रस्ट एवं स्थानीय डांग विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शुरू हुआ है।
यहां गुरूवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में टाटा ट्रस्ट के स्टेट कॉर्डिनेटर रविन्द्र ने जानकारी दी कि टाटा ट्रस्ट की ओर से जिले में 40 आंगनबाड़ी केन्द्रों का नवीनीकरण कर विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई हंै।
इन केन्द्रों को राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत कुपोषणविहीन बनाने का लक्ष्य तय कर डांग विकास संस्थान के साथ जिले में अभियान शुरू किया है। इसके अलावा लोगों को केन्द्रों से जोडऩे की भी मंशा है, ताकि केन्द्र बेहतर बन सकेंऔर यहां बच्चों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल सके।
डांग विकास संस्थान के सचिव डॉ. विकास भारद्वाज ने बताया कि 40 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण अभियान के अलावा बच्चों का नामांकन बढ़ाना और ठहराव सुनिश्चित करना भी उद्देश्य है। महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शांति वर्मा ने कहा कि यह अभियान बच्चों और धात्री व गर्भवती महिलाओं को संबल प्रदान करेगा। बच्चों को शारीरिक विकास हो सकेगा।
इस मौके पर डांग विकास संस्थान के राजेश कुमार, विक्रम सिंह, करौली सीडीपीओ राजेश्वरी मित्तल, हिण्डौन सीडीपीओ जितेन्द्र, सतीश शर्मा, टाटा ट्रस्ट के श्रीकांत सेनापति आदि मौजूद थे।

बच्चों को कराया अन्नप्रासन्न
टाटा ट्रस्ट व डांग विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में गावड़ा मीणा गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र पर चलो चले आंगनबाड़ी अभियान की शुरूआत हुई। डांग विकास संस्थान के कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार ने बताया कि केन्द्र पर 7 माह के 2 बच्चों का अन्नप्रासन्न कराया गया। वहीं गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म हुई। टाटा ट्रस्ट के श्रीकांत सेनापति व रविन्द्र ने बताया कि 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी पर शाला पूर्व शिक्षा का लाभ मिलेगा और शरीरिक व मानसिक विकास होगा।

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