डॉ बनेसिंह गुर्जर ने बताया कि तीन दिवसीय शिविर में करीब 900 रोगियों को आयुर्वेद पद्धति से उपचार किया गया। साथ ही नि:शुल्क औषधि उपलब्ध करवाई गई। शिविर में पंचकर्म चिकित्सा में करीब 590 वात रोगियों को कटी वस्ती, ग्रीवा वस्ती, स्नेहन व स्वेदन कर से उपचार किया गया।
शिविर में डॉ. बाबूलाल मीणा, डॉ. रामरूप मीणा, डॉ रामसिंह मीणा, डॉ. उमाकांत पाराशर, डॉ. प्रमोद कुमार आत्मज्ञानी, कम्पाउण्डर महेश मीणा, गोपाल लाल बैरवा ने सेवाएं दीं। गांव के विद्यालय में आयोजित समापन कार्यक्रम में आयुर्वेद चिकित्सकों ने शिविर में उपचार लेने वाले से स्वस्थ्य रहने के लिए मौसम अनुकूल आहार-विहार करने की सलाह दी। इससे पूर्व आयोजन समिति के सदस्यों ने शिविर में चिकित्सा सेवाएं देने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों व कार्मिकों को साफा बांध व स्मृति चिह्न देकर सम्माान किया।