ऐसे बढ़ी संक्रमण की गति कोरोना की दूसरी लहर ने जिले में अप्रेल माह से पैर पसारना शुरू किया। उस दौरान तक जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति एक प्रतिशत से भी कम थी। इस कारण न लोगों ने इसे गम्भीरता से लिया न प्रशासन ने सख्ती दिखाई। इसके बाद इसकी रफ्तार तेजी से बढऩे लगी और 10 अप्रेल तक संक्रमण की दर अधिकतम 8 प्रतिशत तक रही। 15 अप्रेल के बाद करौली शहर में संक्रमण की रफ्तार 20 प्रतिशत तक पहुंच गई। इसमें 14 अप्रेल को आई जांच रिपोर्ट में तो शहर के 44 प्रतिशत नमूने पॉजीटिव पाए गए। इसके बाद भी लोग संभले नहीं। इस कारण कोरोना की गति न केवल करौली में पूरे जिले में बढऩे लगी। 20 अप्रेल के बाद यह रफ्तार 20 प्रतिशत को पार कर गई। हालांकि इस बीच 22 व 23 को संक्रमण की गति जिले में भी तथा शहर में भी 10-12 प्रतिशत तक सीमित रही। इसी प्रकार 27-28 अप्रेल में यह गति 13 से 17 प्रतिशत सामने आई। पिछले दिनों में 20 प्रतिशत के आसपास घूम रही संक्रमण दर अब बीते तीन दिन से 30 प्रतिशत को पार कर चुकी है।
अस्पताल में रोगियों की कम हुई संख्या कोरोना संक्रमण की दर में चाहें वृद्धि की स्थिति सामने आ रही हो लेकिन सुखद बात यह है कि जिला चिकित्सालय में भर्ती होने आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। बीच में तो चिकित्सालय में बनाए गए कोविड वार्डों में एक दिन में 20 मरीज तक भर्ती हुए थे लेकिन अब इसमें कमी देखी जा रही है। चिकित्सालय के सूत्र बताते हैं कि बीते तीन-चार दिनों से एक दिन में भर्ती मरीजों का औसत 10-12 पर सीमित है। पिछले दिनों में तो करौली चिकित्सालय में कोरोना के भर्ती मरीजों की संख्या 70 से अधिक हुई थी, जिसके बुधवार को 45 पर आने से चिकित्साकर्मियों को हल्की राहत मिली है। हालांकि इसका कारण जिले में अन्य स्थानों पर कोविड उपचार के प्रबंध शुरू करना भी बताया जा रहा है।
प्रशासन गंभीरता से कर रहा प्रयत्न
जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि संक्रमण की दर को कम करने के लिए प्रशासन प्रयत्नशील है। इसी दृष्टि से विवाह आयोजनों को टालने की अपील की जा रही है। जो आयोजन हो रहे हैं। उनमें सरकार की गाइड लाइन की पालना अनिवार्य तौर पर हो इसके लिए प्रशासनिक मशीनरी को पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। बाजार में भीड़ को रोकने के लिए भी अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।