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राजस्थान के करौली का राजकीय अस्पताल आईसीयू में, मरीज भटकने को मजबूर

locationकरौलीPublished: Sep 21, 2018 05:35:40 pm

Submitted by:

vinod sharma

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Because of this, patients have to resort to private hospitals

राजस्थान के करौली का राजकीय अस्पताल आईसीयू में, मरीज भटकने को मजबूर


करौली.जिला राजकीय सामान्य अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत के मशीन व उपकरण आवंटित किए हैं। लेकिन प्रबंधन की उदासीनता से इनका उपयोग नहीं होने से खुद राजकीय अस्पताल आईसीयू जैसी हालात में है। इस कारण मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है साथ ही उपचार के लिए जयपुर जाना पड़ता है। सूत्रों ने बताया कि जिला कलक्टर की अध्यक्षता में आयोजित मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक में अस्पताल में सुविधा तथा मशीनों के बेहतर उपयोग पर चर्चा की जाती है। लेकिन यह चर्चा अमल में नहीं लाई जा रही है। इस कारण सरकार की स्थानीय स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा पर पानी फिर गया है। अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजकीय अस्पताल से प्रतिदिन गम्भीर हालात में दस से 12 मरीजों को जयपुर के लिए रैफर किया जाता है। यदि अस्पताल में मशीनों का उपयोग होने लगे तो इन मरीजों को फायदा मिल सकता है।
टीएमटी की नई मशीन अब कंडम हो गई
लाखों रुपए की लागत से सरकार ने जिला अस्पताल के लिए टीएमटी मशीन आवंटित की। यह मशीन हद्रय रोग से संबधित मरीजों के लिए विशेषतौर पर काम आती है। सूत्रों ने बताया कि कुछ महीनों मशीन का उपयोग आईसीयू वार्ड में हुआ, लेकिन बाद में मामूली तकनीकी खराबी हो गई, तीन साल से मशीन को अस्पताल प्रबंधन ने ठीक नहीं कराया है। अब यह मशीन कंडम हो गई, जिसे अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है। इस मशीन के माध्यम से हद्रय रोग से संबंधित मरीजों का स्थानीय स्तर पर इलाज किया जाना था। जिससे मरीजों को जयपुर रैफर करने पर रोक लगती थी।
वैंटीलेटर सिर्फ दिखावे के
जिला राजकीय अस्पताल के आईसीयू वार्ड में गम्भीर हालात में आने वाले मरीजों के लिए लाखों रुपए की लागत से छह वैंटीलेटर आवंटित हुए। इन वैंटीलेटरों का चार साल में एक बार भी उपयोग नहीं हुआ। वैंटीलेटर के माध्यम से मरीजों का उपचार करने के लिए एक चिकित्सक व कम्पाउण्डरों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया, तब उम्मीद थी कि गम्भीर हालात में पीडि़त मरीजों को अस्पताल में सही उपचार मिल सकेगा। लेकिन राजकीय अस्पताल प्रबंधन ने इनका उपयोग कराना शुरू नहीं कराया है।
जांच में दिक्कतों का सामना
राजकीय अस्पताल की जांच प्रयोगशाला में आए दिन मशीन खराब होने से मरीजों को जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिलती है। जांच के लिए फुली ऑटोएनलाइजर मशीन है, जो गत अब खराब पड़ी है। इसी प्रकार सीबीसी मशीन का प्रिंटर खराब है. प्रिंटर के अभाव में मशीनों को जांच रिपोर्ट देने में कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बारे में कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन को अवगत करा दिया, लेकिन मशीनों को ठीक नहीं कराया गया है।
नए आईसीयू के लिए बजट नहीं है, लेकिन मातृ एवं शिशु कल्याण स्वास्थ्य केन्द्र में नया आईसीयू बनने की संभावना है, वहां पर आधुनिक तरीके से सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी। मशीनों के मामले की भी समीक्षा होगी।
डॉ. श्रीराम मीना प्रमुख चिकित्सा अधिकारी राजकीय अस्पताल करौली
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