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कैलादेवी मेले में चरमराती व्यवस्थाओं में श्रद्धालु बेहाल

locationकरौलीPublished: Apr 03, 2019 09:42:33 pm

Submitted by:

vinod sharma

Believing the devotees in the cremation arrangements at the Calayadevi fair

Believing the devotees in the cremation arrangements at the Calayadevi

कैलादेवी मेले में चरमराती व्यवस्थाओं में श्रद्धालु बेहाल


बिजली-पानी का संकट, गंदगी का भी आलम
करौली (ग्रामीण) उत्तरभारत प्रसिद्ध आस्थाधाम कैलादेवी मेला शुरू हुए तीन दिन हुए हैं लेकिन मेले में व्यवस्थाएं माकूल नहीं हैं। बदहाल स्थिति में यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। हालात ये हैं कि मेले में धूल- धुआं, गंदगी का आलम है। बिजली-पानी का संकट शुरू से बरकरार है। कालीसिल नदी पर हादसे से सुरक्षा मां के भरोसे ही है।
राजस्थान पत्रिका की टीम ने बुधवार को गंगापुर सिटी मोड़ से कैलादेवी मेला परिसर तक व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो व्यवस्थाएं पूरी तरह से बेहाल मिली।
गंगापुर सिटी मोड़ से कैलादेवी तक क्षतिग्रस्त सड़क श्रद्धालुओं को मुसीबत बनी है। इस सड़क पर कुछ लीपापोती की गई जो दो दिन बाद ही खराब हो गई। अब वाहन हिचकौले खाते हैं और पूरे रास्ते में धूल उड़ती है। इससे पदयात्रियों को खासी मुसीबत हो रही है। धूल को दबाने के लिए कुछ स्थानों पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने पानी डाल धूल पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन इससे राह में हुए कीचड़ की फिसलन से पदयात्रियों की मुसीबत बढ़ गई है।
कैलादेवी मार्ग में पदयात्रियों के समूह बीच सड़क पर ही चल रहे है। इसी राह में वाहनों का आवागमन हो रहा है। ऐसे में हादसे की आशंका बनी हुई है। ढाई करोड़ की लागत से पदयात्रियों के लिए बनाया गया फुटपाथ पूरे मार्ग में नजर नहीं आता। इस पर लोगों ने कब्जा जमाया है। अनेक स्थानों पर फुटपाथ का अस्तित्व दिखता ही नहीं है। मेले में रोजाना लगभग दो लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। तीन दिन में लगभग सात लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके है। इनमें पदयात्रियों की संख्या अधिक है।
बस स्टैण्ड पर नहीं पानी-छाया के प्रबंध
रोडवेज बस स्टैण्ड पर अव्यवस्थाओं का माहौल है। स्टैण्ड पर उड़ती धूल और गंदगी प्रशासन के दावों की पोल खोलती है। यहां पर यात्रियों के लिए छाया-पानी के माकूल प्रबंध तक नहीं किए गए हैं। महिलाओं को छोटे-छोटे बच्चों के साथ बस के इंतजार मे ंधूप में खड़ा रहना पड़ता है। टिकट के लिए लाइन में भी धूप में ही लगना पड़ता है। आगरा, हिण्डौन सिटी के लिए तो बुङ्क्षकग खिड़कियों का भी अभाव है। इस अस्थाई बस स्टैण्ड पर पानी के प्रबंध नहीं होने से श्रद्धालुओं को दुकानों से पानी खरीदना पड़ता है।
एनजीटी के आदेशों की अवहेलना
कालीसिल नदी पर एनजीटी के आदेशों की पूरी तरह से अवेहलना हो रही है। नदी में समूचे कैलादेवी आस्थाधाम की गंदगी जा रही है। श्रद्धालु साबुन, सेम्पू का खुलेआम उपयोग कर रहे हैं। इस कारण कालीसिल नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है। महिला श्रद्धालुओं के लिए बने स्नानघर पर ताला लटका हुआ था। नदी के तट पर बनाए गए शौचालयों की गंदगी भी नदी में पहुंच रही है।
राह में अतिक्रमण, भीड़ में फंसते श्रद्धालु
मेले से पहले श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए अस्थायी अतिक्रमणों को हटाने का दावा पंचायत व प्रशासन ने किया, लेकिन हकीकत में अतिक्रमण नहीं हटाए गए। पुलिस उपअधीक्षक कार्यालय से मुख्य बाजार, करणपुर मार्ग, आगरा पड़ाव, रेंज कार्यालय के समीप सड़क पर ही पथकर विक्रेताओं को बैठा दिया गया है। इससे मंदिर मार्ग की राह सिकुड़ गई है। हालात ये है कि दोनों तरफ के रास्तों पर ही श्रद्धालु भीड़ में फंस कर सड़क पर ही गिर जाते हैं। तेज धूप में महिला व छोटे-छोटे बच्चों की हालत खराब है। भीड़ के आगे मंदिर परिसर में ही पुलिस व मंदिर ट्रस्ट की व्यवस्थाएं गौण नजर आती है। श्रद्धालुओं को एक-एक घंटे तक दर्शनों के लिए इंतजार करना पडता है।
पानी खरीदने को मजबूर
आस्थाधाम में मात्र कैलादेवी प्याऊ समिति बाड़ी की ओर से संचालित प्याऊ ही नजर आई। जनस्वास्थ्य एवं आभियांत्रिकी विभाग की ओर से मेले में प्याऊ और सार्वजनिक नलों की व्यवस्था पर्याप्त नहीं की गई है। मुख्य बाजार से मंदिर परिसर, करणपुर मार्ग पर सार्वजनिक नलों का अभाव है। श्रद्धालुओं को दुकानों से पानी खरीदकर पीना पड़ रही है। लाइट की भी आंख-मिचौली चलती रहती है।
समीक्षा तक सिमटे अधिकारी
मेले की अव्यवस्थाओं से अधिकारी अनजान नहीं है, रोजाना मेला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाती है। इस दौरान अधिकारी विभिन्न व्यवस्थाओं पर चर्चा करते है। लेकिन सुधार नहीं हो पा रहा है। मेला मजिस्ट्रेट व उपखण्ड अधिकारी मुनिदेव सिंह का कहना हैा कि व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है।
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