इस दौरान डांग विकास संस्थान के कार्यक्रम समन्वयक राजेशकुमार ने संदर्भ व्यक्तियों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर तीन वर्ष तक के बच्चों का वजन, लंबाई, टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण व स्वास्थ्य जांच पोषाहार की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत सभी बच्चों का ग्रोथ चार्ट में घर-घर जाकर नवीनीकरण किया जाए, ताकि बच्चे के पोषण स्तर तथा कुपोषित की स्थिति का पता चल सके। उन्होंने जानकारी दी कि संस्थान एवं टाटा ट्रस्ट की ओर से कुपोषण से मुक्ति के लिए चयनित 40 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अभियान चलाया जा रहा है।
टाटा ट्रस्ट के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशरफ ने सभी संदर्भ व्यक्तियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले सभी बच्चों, गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक के बच्चे की देखभाल की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही शाला पूर्व शिक्षा पर जोर दिया। कार्यालय में नादौती, टोडाभीम, सपोटरा, हिंडौन एवं करौली के 40 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इस दौरान डांग विकास संस्थान के विक्रम सिंह, देशराज गोस्वामी, जितेंद्र करसोलिया सहित अन्य मौजूद थे।