विधायक भरोसीलाल जाटव ने सीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि हिण्डौन विधानसभा क्षेत्र के बाढ़, करसौली, वैद्यवाड़ा, उंचागांव, मुकंदपुरा, कैरा की ढाणी, अंडनकापुरा समेत दर्जनों गावों के करीब तीन-चार हजार लोग कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, मद्रास, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश व दिल्ली राज्यों में भवन निर्माण मजदूरी व फैक्ट्री श्रमिकों रूप में काम करते हैं। लेकिन कोरोना के चलते हुए लॉक डाउन की वजह से वाहनों व ट्रेनों की आवाजाही अचानक बंद होने से ये मजदूर वहां फंस गए है।
इसी प्रकार विधायक लाखनसिंह मीना ने सीएम को भेजे पत्र में बताया है कि करौली विधानसभा क्षेत्र के खेड़ा, जमालपुर, मासलपुर, सीलोती काछीपुरा समेत दर्जनो गावों के करीब चार-पांच हजार लोग लॉक डाउन के कारण कनार्टक व आंध्रप्रदेश के अलावा मद्रास, तेलंगाना, कोयम्बटूर, हैदराबाद, केरल, महाराष्ट्र, गोवा व दिल्ली में फंसे हुए है। विधायकों ने बताया कि लॉक डाउन के कारण मजदूरों का रोजगार भी छिन चुका है। जिससे उन्हें भूखे रहना पड़ रहा है। इधर इन मजदूरों के परिवारजन भी चिंतित है। ऐसे में मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी के प्रबंध किए जाएं।
इधर बसपा के प्रदेशाध्क्ष सुमरत सिंह ने राज्यपाल को लिखे पत्र में बताया कि करौली जिले के हजारों दलित वर्ग के लोग कर्नाटक, आंध्रप्रदेश के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, जम्मू, बेंग्लोर व केरल के अलावा कई राज्यों में मजदूरी करने गए थे, लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन के कारण उनका कामकाज बंद हो गया। बहुत से श्रमिक पैदल चलकर आ रहे हैं। ऐसे में सरकार को विभिन्न राज्यों में फंसे इन गरीब व मजदूर लोगों की सकुशल वापसी के लिए कदम उठाने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने रविवार के अंक मेें ‘कर्नाटक व आंध्रप्रदेश में फंसे करौली जिले के 500 मजदूर’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद दोनों विधायकों के साथ बसपा ने गंभीरता दिखाई है।