चरम पर चल रहे सफेद नशे के कारोबार में पुरुषों के साथ अब महिलाएं भी लिप्त हैं। जिले के हिण्डौन, श्रीमहावीरजी, कैलादेवी, करौली, टोडाभीम और बालघाट के छोटे से लेकर बड़े गांवों के साथ ही गली, मोहल्ले और हर चौराहे स्मगलरों की निगाहों में है। हैरानी की बात तो ये है कि अब अफीम और गांजे की खेती भी बड़े पैमाने पर होने लगी है। दिनों दिन बढ़ती स्मैक की तस्करी और खपत आमजन और पुलिस के लिए भी अच्छी बात नहीं है। जिले में ऐसा कोई इलाका नहीं जहां नशे की खुराक उपलब्ध न हो रही हो। स्मगलर हर रोज नशे की हजारों पुडिय़ा बेच कर युवा पीढ़ी को खोखला कर रहे हैं। सफेद नशा (स्मैक) की पुडिया 300 से 400 रुपए में सहज ही मिल रही है।
ऐसा नहीं है कि नशे के काले कारोबार की जानकारी पुलिस को नहीं है, लेकिन आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से ही यह कारोबार पैर पसार रहा है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस थानों के बीट कांस्टेबल से लेकर दारोगाओं तक नशे के इस काले धंधे से वाकिफ हंै, मगर मासिक बंधी और मिलीभगत के चलते बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती। ऐसे में यह नशा शहर की सरहदों को पार कर गावों की गलियों में पहुंच दूध-दही से पले बढ़े युवाओं की जिंदगी खोखली कर रहा है।
जिले में ज्यादातर स्मैक की सप्लाई कोटा, झालावाड़, बारां, प्रतापगढ जिले से हो रही है। कुछ स्मगलर अब जोधपुर जिले में कैमिकल से बनी सस्ती स्मैक को भी यहां लाने लगे है, जो बेहद ही घातक है। पत्रिका की पडताल में पता चला कि नशा सप्लायर ट्रेन से स्मैक लेकर हिण्डौन और नजदीकी श्रीमहावीरजी रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं। जहां से ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं भी स्मैक की तस्करी में लिप्त है। सदर थाना पुलिस ने पूर्व में कोटरा ढहर, फुलवाड़ा व जिले से बाहर की करीब आधा दर्जन महिलाओं को स्मैक के साथ गिरफ्तार कर संलिप्तता को उजागर किया था।
स्मैक की लत लगने बाद तलब पूरी करने के लिए चोरी और नकबजनी की जाती है। क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार अधिकतर ऐसी वारदातों में स्मैकचियों का ही हाथ सामने आया है। कई प्रतिष्ठान व घरों में चोरी, चैन स्नेचिंग, राहगीरों से मोबाइल आदि छीनने की कई वारदातों में स्मैक का सेवन करने वालों का हाथ होने की बात सामने आई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अवैध मादक पदार्थो पर नकेल कसने एवं इस सामाजिक बुराई को जड-मूल से साफ करने के लिए जिला पुलिस की ओर से ‘ऑपरेशन फ्लश आऊट’ चलाया जा रहा है। जिसके तहत 1 जुलाई 2020 से 11 जनवरी 2022 तक 55 स्मैक तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन 55 प्रकरणों में पुलिस ने अवैध स्मैक के नशे के कारोबार से जुड़े 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनसे 4 किलो 422 ग्राम 527 मिलीग्राम अवैध स्मैक जप्त की जा चुकी है। जब्त की गई स्मैक की कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपए आंकी गई है।(पत्रिका संवाददाता)
इनका कहना है-
स्मैक के अवैध कारोबार पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। हाल ही में स्मैक की बड़ी खेप भी पकड़ी है। थाना स्तर पर भी कार्रवाई की जा रही हैं। नशे की जकड़ तोडऩे के लिए जनसहयोग लिया जाएगा।
जिला पुलिस अधीक्षक, करौली।