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कागजों में दबी पानी की राशि, तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार, अधिकारी उदासीन

locationकरौलीPublished: Aug 06, 2018 07:05:58 pm

Submitted by:

vinod sharma

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Budget of 1 crore 79 lakhs lying in papers

कागजों में दबी पानी की राशि, तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार, अधिकारी उदासीन

करौली.करीब एक साल पहले सरकार के द्वारा पानी की व्यवस्था के लिए भेजी गई एक करोड़ ७९ लाख रुपए की राशि जिला परिषद की तकनीकी रिपोर्ट में फंस गई है। खास बात ये है कि जिला परिषद की बैठक में अनुमोदन होने के बाद भी राशि का उपयोग नहीं हुआ है। जबकि सैकड़ों गांव में जल संकट है। इस राशि के उपयोग से ग्रामीणों को पेयजल संकट से निजात मिल सकती थी। सत्र २०१७-२०१८ में राज्य वित्त आयोग पंचम के तहत 1 करोड़ ७९ लाख का बजट जिला परिषद करौली को जारी किया गया। इस राशि से गांव की समस्या व प्राथमिकता से पानी संकट का समाधान करना था। जीडीपी प्लान में शामिल करने के बाद जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में छह माह पहले अनुमोदन सदस्यों ने सर्वसम्मति से कर दिया। जिला परिषद ने प्रस्ताव लेकर कार्य स्वीकृत करने की रिपोर्ट तैयार कर ली, लेकिन यग रिपोर्ट कागजों में पड़ी है।
नए सीईओ ने मांगी चेक लिस्ट, जमाबंदी की नकल
इसी बीच जिला परिषद के तत्कालीन (सीईओ) सुरेन्द्र माहेश्वरी का स्थानान्तरण हो गया, उनके स्थान पर आईएएस गौरव गोयल को सीईओ को लगाया। गोयल ने जिस जगह हैण्डपम्प या नलकूप स्थापित होना है, उस भूमि की जमाबंदी, तकनीकी रिपोर्ट पंचायतों से मांगना शुरू किया। करौली जिले में पहली बार ये पहल की गई, जो जानकारों ने अच्छी बताई। लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी धीमि है। जून माह से रिपोर्ट की तैयारी की जा रही है। लेकिन अभी तक तननीकी रिपोर्ट, जमाबंदी तथा अन्य कागजात जमा नहीं हुए है। जिससे राशि के उपयोग की वित्तीय स्वीकृति नहीं निकाली गई है। स्वीकृति के अभाव में बजट कागजों में पड़ा है।
डांग में पानी का संकट
जिला प्रमुख अभय कुमार मीना ने पेयजल के लिए 1 मई को 2४ कार्यों के लिए ८३.४५ लाख रुपए की अभिशंषा उक्त योजना के तहत की। इसी प्रकार दूसरी अभिशंषा 3 मई को ५६ कार्यों के लिए ८५.८० लाख कार्यों की गई। इस राशि से ग्रामीण क्षेत्र में नलकूप व हैण्डपम्प स्थापित होने थे। नलकूप लगने के बाद ग्रीष्मकालीन मौसम में ग्रामीणों की पेयजल समस्या का समाधान करना सरकार का मकसद था। लेकिन बजट का उपयोग नहीं होने से पेयजल संकट का समाधान नहीं हुआ है। डांग क्षेत्र के करणपुर, मण्डरायल, सपोटरा, मांड के नादौती, हिण्डौन सिटी, टोडाभीम व करौली डांगक्षेत्र के सैकड़ों गांव में गर्मी के मौसम में पेयजल है। निभैरा, राहिर सहित अन्य पंचायतों में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीण पशुओं के साथ पलायन कर गए।
अधिकारी उदासीन है
गांवों में जल संकट है। लेकिन करौली जिले में अधिकारियों की उदासीनता से राज्य वित्त आयोग की राशि का उपयोग नहीं हुआ, जो गम्भीर मामला है। मैंने तो अभिशंषा मई माह में कर दी। अब सीएम से मिलेंगे तथा ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
अभय कुमार मीना जिला प्रमुख करौली
स्वीकृति निकाल रहे हैं
जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में जो कार्य अनुमोदित हुए, उनकी स्वीकृति निकाल रहे हैं, अब मॉनिटरिंग बढ़ाई जाएगी।
गौरव गोयल मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद करौली
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