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करौली

दूसरों को बनवाए घर, लेकिन खुद रह गई बेघर

Build homes for others, but left them homeless
पांच वर्ष बाद भी बेघर रह गई ग्रामपंचायत सरंपच का कार्यकाल पूरा, अकबरपुर में नहीं बना पंचायत भवन

करौलीFeb 15, 2020 / 12:13 pm

Anil dattatrey

दूसरों को बनवाए घर, लेकिन खुद रह गई बेघर

दूसरों को बनवाए घर, लेकिन खुद रह गई बेघर

श्रीमहावीरजी.
पांच वर्ष पहले गठित हुई अकबरपुर ग्रामपंचायत एक कार्यकाल पूरा होने के बाद भी बेघर रह गई है। नवगठित के ग्रामपंचायत के पहले सरपंच के कार्यकाल में ग्रामपंचायत की गतिविधियों के संचालन के लिए पंचायत भवन का ही निर्माण नहीं हो सका। अब गांव के लोगों को आगामी चुनाव के बाद दूसरे सरपंच के कार्यकाल में पंचायत भवन निर्माण होने की आस लगी है। हलांकि वर्तमान में श्रीमहावीरजी के राजकीय उ‘‘ा प्राथमिक विद्यालय के एक कक्ष से पंचायत के कामकाज का संचालन होता है।

वर्ष 2015 में हुए पंचायतीराज चुनाव के दौरान हिण्डौन पंचायत समिति में अकबरपुर ग्राम पंचायत का गठन किया था। पृथक से ग्रामपंचायत का दर्जा मिलने से ग्रामीणों को विकास की उम्मीद जगी थी, लेकिन पूर्व पांच वर्ष का कार्यकाल बीतने के बाद भी ग्राम पंचायत भवन नहीं बना है। इसके चलते ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों व ग्रामीणों को ग्राम से संबंधित विकास योजनाएं बनाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
गठन के बाद से ही तत्कालीन व मौजूदा सरकार ने पंचायत भवन बनाने की घोषणा की, मगर अब तक अकबरपुर ग्राम पंचायत को छत ही नसीब नहीं है। भवन विहीन ग्रामपंचायत के जनप्रतिधिनियों को विद्यालय के एक कमरे में ही पूरा कार्यकाल गुजार दिया। स्थान अभाव में अत्यधिक सर्दी-गर्मी व बारिश की स्थिति में कई बार ग्रामपंचायत की बैठक स्थगित कर तिथियां बदलनी पड़ी थी।
अकबरपुर की भूमि पर बना हैं दूसरी पंचायत का भवन-

ग्राम पंचायत श्रीमहावीरजी से अलग कर वर्ष 2015 में अकबरपुर को पंचायत का दर्जा दिया गया था। राजस्व रिकॉर्ड में भूमि के विभाजन में श्रीमहावीरजी ग्रामपंंचायत के पंचायत भवन व राजीवगांधी सेवा केन्द्र अकबरपुर क्षेत्र में हैं। जबकि अकबरपुर के लिए ग्राम पंचायत भवन व राजीव गांधी सेवा केंद्र के लिए भूमि आवंटन नहीं हो सका है। ऐसे में पंचायत की गतिविधियों का संचालन श्रीमहावीरजी पंचायत के राउप्रा विद्यालय से किया जा रहा है।
इनका कहना है-
ग्रामीणों की आपत्ति से अटके प्रस्ताव

ग्राम पंचायत अकबरपुर के ग्राम विकास अधिकारी महेंद्र कुमार का कहना हैं कि पंचायत भवन के लिए कई बार प्रस्ताव बनाकर शासन व पंचायती राज निदेशालय को भेजे गए हैं। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की आपत्ति के कारण प्रस्ताव पास नहीं हो पाया हैं।

हिण्डौन पंचायत समिति के विकास अधिकारी लखन सिंह कुंतल का कहना है कि ग्राम पंचायत भवन के प्रस्ताव जिला कलक्टर को भेज दिए हैं,जो किन्ही कारणों से लंबित हैं। जल्दी भूमि आवंटन प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है।
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