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बाजार हो या हाइवे… शहर में खुले घूमते हैं आवारा जानवर, खाने-पीने को आपस में भिड़ जाते हैं; आए दिन राहगीर हो रहे हैं चोटिल

locationकरौलीPublished: Jul 08, 2018 06:07:18 pm

Submitted by:

Vijay ram

ये दिनभर बाजार व मंडी में खुले घूमते हैं। दुकानों में घुस जाते हैं। आपस में लड़ते हैं, गंदगी फैलाते हैं। ऐसे में लोगों को बैठना व राहगीरों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार महिलाएं और बच्चे चोटिल हो चुके हैं..

bullfighting cases in rajasthan - breaking news hindi

शहर में सड़क पर 2 सांड फिर भिड़े, वहां से गुजर रही महिला को टक्कर लगी तो दूर जा गिरी; वे दोनों मस्ती से लड़ते हुए निकल गए

करौली.
शहर में बेशुमार बढ़ते आवारा सांड लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। सब्जी मंडी हो या बस स्टैण्ड अथवा शहर का अन्य कोई हिस्सा। आवारा सांडों के आतंक से शहर का कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है।
अब सांड मंडरायल रोड पर भिड़ गए। इस दौरान उन्होंने एक महिला को चपेट में ले लिया, जो बाल-बाल बची। इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन नगरपरिषद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
शहर में इन दिनों आवारा सांडों का आतंक चरम पर है। आवारा सांड शहर में यहां-वहां घूमते रहते हैं। इन आवारा सांडों की वजह से शहर का आवागमन बुरी तरह प्रभावित होता है। वहीं यह आने-जाने वाले लोगों को टक्कर मारकर घायल कर देते हैं। कई लोग अब तक इनकी चपेट में आ चुके हैं, लेकिन नगरपरिषद प्रशासन का इस ओर कोईध्यान नहीं है। कई बार लोगों ने इन्हें शहर से बाहर छुड़वाने की मांग की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस बार शहर के मेला ग्राउंड पर लगे मेले में बहुतेरे सांड नियमों की आड़ के चलते यहां छूट गए। ऐसे में शहर में आवारा सांडों की भरमार हो गई है, जो अब लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं।
बाल-बाल बची महिला
रविवार सुबह अम्बेडकर पार्क के पास दो सांड सड़क पर उलझ गए। सांडों की लड़ाई के बीच में एक महिला आ गई। महिला को सांडों ने टक्कर मार दी। इससे वह दूर जा गिरी। हालांकि सांड लड़ते हुए निकल गए। इससे महिला घायल होने से बच गई।
लोगों की जुबानी, सांड़ों की कहानी
सांड आए दिन दुकान में घुस जाते हैं। आपस में लड़ते हैं, गंदगी फैलाते हैं, तो यहां हमारा बैठना भी मुश्किल हो गया है। कई बार बच्चे चोटिल हो चुके हैं। प्रशासन से शिकायत करने पर भी समाधान नहीं निकला।
— मनोज गुप्ता, दुकानदार
महिला, स्कूली बच्चों, दर्शनार्थी एवं वृद्धों का रास्ता निकलना भी मुश्किल हो रहा है। आवारा जानवर शहर में गंदगी फैलाते हैं। स्वच्छता की धज्जियां उड़ रही हैं।
— नरेन्द्र कुमार सिंघल, दुकानदार

खासकर सांड़ बुजुर्गों के लिए घातक बने हैं। जहां देखो सांड ही सांड़। मेलों के बाद यह परेशानी और बढ़ गई। इन्हें बाहर छुड़वाने की कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन ध्यान नहीं दिया जाता।
— मुकेश बीज वाले, शहरवासी
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