scriptमांड क्षेत्र में खरबूजे की बम्पर पैदावार, भावों को तरस गए किसान | Bumper yield of melons in Mand area, farmers yearn for prices | Patrika News

मांड क्षेत्र में खरबूजे की बम्पर पैदावार, भावों को तरस गए किसान

locationकरौलीPublished: May 19, 2022 12:22:09 pm

Submitted by:

Surendra

मांड क्षेत्र में खरबूजे की बम्पर पैदावार, भावों को तरस गए किसान
इस बार अधिक गर्मी और मौसम के अनुकूल रहने से करौली जिले में गुढ़ाचंद्रजी इलाके के मांड क्षेत्र के खेतों में खरबूजा की बंपर पैदावार हुई है। स्थिति ये है कि खेत खरबूजे से अटे पड़े हैं और रोजाना तीन से चार वाहनों में खरबूजा मंडी में भेजे जा रहे हैं।लेकिन लागत और परिश्रम के अनुरूप खरबूजे के भाव नहीं मिल पाने से किसान निराश है।

मांड क्षेत्र में खरबूजे की बम्पर पैदावार, भावों को तरस गए किसान

मांड क्षेत्र में खरबूजे की बम्पर पैदावार, भावों को तरस गए किसान


मांड क्षेत्र में खरबूजे की बम्पर पैदावार, भावों को तरस गए किसान


इस बार अधिक गर्मी और मौसम के अनुकूल रहने से करौली जिले में गुढ़ाचंद्रजी इलाके के मांड क्षेत्र के खेतों में खरबूजा की बंपर पैदावार हुई है। स्थिति ये है कि खेत खरबूजे से अटे पड़े हैं और रोजाना तीन से चार वाहनों में खरबूजा मंडी में भेजे जा रहे हैं।लेकिन लागत और परिश्रम के अनुरूप खरबूजे के भाव नहीं मिल पाने से किसान निराश है।
रायसना गांव के समीप मोरा सागर बांध क्षेत्र में अलवर के आधा दर्जन किसानों ने करीब 20 बीघा भूमि में खरबूजे व तरबूज की खेती की है। उन्होंने फरवरी में खरबूजा व तरबूज का उत्पादन शुरू किया। समय समय पर खाद व पानी देने के साथ कीटनाशक दवाइयों का भी प्रयोग किया। बंपर पैदावार के लिए दिन रात रखवाली की। एक माह से खरबूजे व तरबूज का आना शुरू हो गया लेकिन मंडी में खरबूजा के भाव 10-12 रुपए किलो के रहे हैं। इसी प्रकार तरबूज भी 8 से 10 रुपए किलो बिक रहा हैं। किसानों ने बताया कि वे रोजाना खरबूजा व तरबूज की दो से तीन गाड़ी जयपुर दौसा की मंडी में भेज रहे हैं। लेकिन इस बार बंपर पैदावार से खरबूजे व तरबूज के दाम जमीन पर हैं। जबकि पिछली बार खरबूजा का भाव थोक में 20 रुपए किलो का रहा था। जबकि तरबूज का भाव 15 रुपए किलो का था। किसानों ने बताया कि पहले उन्होंने खेतों को ठीक करवाया। इसके बाद महंगे दामों में बीज खरीदा। लगातार समय-समय पर देख भाल के साथ मोल का पानी खरीद कर खेती की। उन्हें अच्छे भाव का इंतजार था। लेकिन इस बार दाम अधिक होने से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया।
किसानों को नहीं मिल पा रही लागत:

खरबूजे व तरबूज के दाम जमीन पर आ जाने से किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। मंडी में खरबूजा 12 किलो रुपए व तरबूज 8 से 10 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। गाड़ी का भाड़ा अलग से चुकाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में इस साल खरबूजे व तरबूज की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है।
धारीदार खरबूजे में होती है अधिक मिठास

किसान अमीन, महबूब, सुल्तान आदि ने बताया कि खरबूजे की भी कई किस्में होती है। लेकिन बाजार में सबसे अधिक धारीदार खरबूजा बिकता है। क्योंकि धारीदार खरबूजे में अच्छी मिठास होती है। इस कारण खाने में स्वादिष्ट अच्छा आता है।
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