रोडवेज सूत्रों के अनुसार हिण्डौन डिपो से प्रति दिन जिले व प्रदेश सहित दूसरों राज्यों के शहरों के 76 मार्गों पर बसों का संचालन किया जाता है। सभी शिड्यूलों पर बसों के दैनिक संचालन से रोडवेज डिपों को प्रतिदिन औसतन सात से साढ़े सात रुपए की यात्री भाड़ा से आय होती है। 22 मार्च से एक भी बस का संचालन नहीं होने से हिण्डौन डिपो को आठ दिन में करीब साठ लाख रुपए की आय लॉक डाउन की वजह से नहीं हो सकी।
आफिस बंद, सूनी कार्यशाला ठप- बसों को संचालन नहीं होने से रोडवेज आगार में सूनापन पसरा हुआ है। मरम्मत कार्य नहीं होने से औजार व मशीनों का शोर नहीं होने से कार्यशाला में सन्नाटा छाया हुआ है। प्रशासनिक भवन के बंद होने से डिपो परिसर बसों से खचाखच अटी है।
हर रोज 28 हजार किमी दौडती बसें- हिण्डौन आगार की बसें प्रति दिन 76 शिड्यूलों पर करीब 28 हजार किलोमीटर दौड़ती हैं। इनमेंं आंकलन के अनुसार आगार की 76 बसों में करीब 4 हजार यात्री सफर करते हैं। कोरोना लील गया मेले की करोड़ों रुपए की आय- कोरोना के संक्रमण की वजह से कैलादेवी का मेला निरस्त होने से रोडवेज की करोड़ों रुपए कर आय की उम्मीद अधूरी रह गई। रोडवेज प्रबंधन ने लक्खी मेले के लिए करीब 300 बसों लगा दी। लेकिन सभी बसों को वापस भेजना पड़ा। रोडवेज के मुख्यालय के अनुसार कैलादेवी के मेले में बसों के संचालन से रोडवेज को करीब 3 करोड़ रुपए की आय होती है।
फैक्ट फाइल – 82 बसें हैं हिण्डौन डिपो में। 72 बस हैं पुरानी। 10 बस हैं नई। 76 मार्गों पर होती हैं बसें संचालित। इनका कहना है- डिपो में खड़ी हैं बसें-
लॉक डाउन के चलते हिण्डौन आगर परिसर में बसों को सुरक्षित खड़ा किया हुआ है। बसों का संचालन नहीं हो रहा है। प्रशासन के निर्देश पर श्रमिकों के लिए रविवार को बसें भेजी गई।
-विष्णु कुमार वर्मा, मुख्य प्रबंधक हिण्डौन डिपो, राजस्थान परिवहन निगम।