सउदी से आए उस एक फोन के बाद मुकेश के परिजनों ने मुकेश के नंबर को खूब ट्राई किया लेकिन कुछ नहीं हो पा रहा। पीड़िता के अनुसार, फोन पर सूचना मिलने के बाद उसका अपने पति से वाट्सएप नंबर से भी संपर्क नहीं हो रहा है। पूरा परिवार सदमे की स्थिति में है। बच्चे खाना भी खाते। परिवार का पालन पोषण करने वाला मुकेश ही था।
पत्नी व बच्चों को नहीं, मुकेश के गांव परीता के ग्रामीणों को भी यही इंतजार है कि जीवित हो या मृत उसे भारत लाया जाए। इसे लेकर 3 फरवरी 2018 को गांव वालों की ओर राजस्थान के करौली जिला मुख्यालय में कलेक्टर अभिमन्यु को राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम गुहार लगाई गई।
मुकेश बैरवा की पत्नी का नाम साबो बाई है, जो अपने पति की मौत की आशंका पर व्यथा बताते हुए बिलख पड़ती है। उसके मुताबिक, बच्चों की वाट्सएप पर बात होती रहती थी। लेकिन अब कई दिन से कुछ नहीं हो पा रहा। चार बच्चों के लालन-पालन को लेकर उसने जल्द कार्रवाई की मांग की।
कलक्टर ने कहा— सरकार हस्तक्षेप करेगी
करौली जिला कलक्टर, आईपीएस अभिमन्यु कुमार ने ज्ञापन को दिल्ली भेज दिया है। उन्होंने हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया। कहा कि इसे लेकर जो भी कार्रवाई होगी उससे पीडि़ता को अवगत कराया जाएगा। केंद्र सरकार संज्ञान लेगी।
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