चम्बल पुल निर्माण कार्य पकड़ेगा गति , मध्यप्रदेश के वन विभाग से जल्दी मिलेगी एनओसी
करौलीPublished: Jul 07, 2020 10:41:11 am
चम्बल पुल निर्माण पकड़ेगा गति , मध्यप्रदेश के वन विभाग से जल्दी मिलेगी एनओसी राज्यसरकार ने एमपी सरकार को जमा कराए 3 करोड़करौली जिले में मण्डरायल कस्बे से 5 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश-राजस्थान की सीमा के बीच बह रही चम्बल नदी पर पुल निर्माण का कार्य अब गति पकड़ लेगा। इस कार्य के बीच मध्यप्रदेश सरकार के वन विभाग ने एनओसी की अड़चन लगाई थी। इस पर राजस्थान सरकार ने मध्यप्रदेश वन विभाग को एनओसी के लिए 3 करोड़ 10 लाख रुपए की राशि जमा करा दी है। उम्मीद है कि मध्यप्रदेश सरकार से अब जल्दी एनओसी मिल जाएगी।
चम्बल पुल निर्माण कार्य पकड़ेगा गति , मध्यप्रदेश के वन विभाग से जल्दी मिलेगी एनओसी
चम्बल पुल निर्माण कार्य पकड़ेगा गति , मध्यप्रदेश के वन विभाग से जल्दी मिलेगी एनओसी
राज्यसरकार ने एमपी सरकार को जमा कराए 3 करोड़
करौली जिले में मण्डरायल कस्बे से पांच किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश-राजस्थान की सीमा के बीच बह रही चम्बल नदी पर चल रहा पुल निर्माण का कार्य अब गति पकड़ लेगा। इस कार्य के बीच मध्यप्रदेश सरकार के वन विभाग ने एनओसी की अड़चन लगाई थी। इस पर राजस्थान सरकार ने मध्यप्रदेश वन विभाग को एनओसी जारी करने के लिए 3 करोड़ 10 लाख रुपए की राशि जमा करा दी है। उम्मीद है कि मध्यप्रदेश सरकार से अब जल्दी एनओसी मिल जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश व राजस्थान के बीच बहने वाली इस चम्बल नदी पर पुल निर्माण की मांग पुरानी है। पिछले वर्ष इसके निर्माण की स्वीकृति जारी होने के बाद निर्माण कार्य पिछले 10 माह से चल रहा है। लेकिन इस कार्य के बीच मध्यप्रदेश सरकार के वन विभाग ने एनओसी की अड़चन लगाते हुए अपनी ओर काम कराने पर रोक लगाई थी। मध्यप्रदेश के वन विभाग ने पुल का निर्माण कर रही एजेंसी को विभाग से एनओसी लेने का नोटिस दिया था। साथ ही इसके लिए तीन करोड़ रुपए जमा कराने को कहा था। अब राजस्थान सरकार ने एनओसी की औपचारिकताओं के साथ 3.10 करोड़ के शुल्क की राशि भी जमा कराई है, इससे निर्माण कार्य में आई बाधा दूर हुई है।
सूत्रों ने बताया है कि राजस्थान की ओर पुल निर्माण का 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। वैसे तो पुल पर कुल 23 पिल्लर बनाए जाने हैं। इनमें से राजस्थान की सीमा में 14 पिल्लर बनेंगे। इनमें से 7 पिल्लर खड़े कर दिए गए हैं। कोरोना के लॉक डाउन के कारण बीच में काम बंद रहा था लेकिन अब फिर से कार्य ने गति पकड़ ली है। उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष के अंत तक पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
इस पुल के निर्माण से मण्डरायल की ओर होकर मध्यप्रदेश-राजस्थान के बीच आवागमन सुगम हो जाएगा। साथ ही 12 महीने आवागमन संभव हो सकेगा। इससे दोनों राज्यों के शहरों-कस्बों के बीच व्यापारिक-सामाजिक रिश्ते मजबूत होंगे। अभी लोग स्टीमर से और गर्मियों में लगने वाले अस्थाई पुल पर होकर आवागमन करते हैं। बारिश के दिनों में जब चम्बल में पानी की आवक बढ़ती है तो आवागमन बंद हो जाता है।
फैक्ट फाइल
पुल की कुल लागत राशि
126.76 करोड़ रुपए
1150 मीटर होगी पुल की लम्बाई
640 मीटर राजस्थान सीमा में सम्पर्क मार्ग
560 मीटर सम्पर्क मार्ग मध्यप्रदेश सीमा पर
23 पिल्लर पर बनेगा चम्बल पुल
50-50 मीटर होगी पिल्लरों की बीच की दूरी।