करौली जिले की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरी करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट में चम्बल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना का काम हाथ में लेने की घोषणा की थी।उस दौरान सरकारी तौर सर्वे व डीपीआर रिपोर्ट तैयार नहीं होने से मौके पर परियोजना को प्रस्तावित बजट की घोषणा नहीं हो सकी। अब जल संसाधन विभाग ने बजट घोषणा की पालना में योजना की टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) तय कर क्रियान्वति को गति दी है। स्वीकृति व औपचारिकता के बाद वित्त विभाग व इम्पावर्ड कमेटी की कार्यवाही पूरी कर परियोजना के डिटेल सर्वे, ड्राइंग डिजाइन, टेंडर डोक्युमेंट व पर्यावरण स्वीकृति को लेकर एजेंसी अनुबंध के लिए एक अक्टूबर को 276.92 लाख की स्वीकृति जारी कर दी।
मददगार बनेगी 2011 की स्वीकृति वर्ष 2011 में सवाई माधोपुर और करौली के 926 गांवों के लिए चम्बल से पानी लाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जलदाय विभाग को जारी की गई स्वीकृति इस परियोजना के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। चम्बल का पानी पांचना -जगर लिफ्ट के इंटेक वैल और नीदर बांध तक पाइप लाइन भी उसी रास्ते से आनी है। इसके लिए दोनों विभाग समन्वय कर सकते हैं।
बारिश में चम्बल नदी में बहने वाले अधिशेष पानी को लिफ्ट कराने के लिए निजी स्तर पर कार्य कर रहे गांव दानालपुर निवासी भारतीय लेखा सेवा के अधिकारी ताराचंद मीणा ने बताया कि पूर्व में चंबल से पानी उठाने के 6 प्रोजेक्टों में आक्षेपों के अध्ययन के बाद इस परियोजना को पेयजल स्त्रोत रिचार्ज करने का उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने जलसंसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय व जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के उच्चाधिकारियों को विभाग के भरतपुर संभाग कार्यालय से पुरानी योजना की पूर्व में जारी हुई एनओसी से अवगत कराया। मीणा ने बताया कि वे स्वयं के स्तर पर तैयार की अध्ययन रिपोर्ट को लेकर जल्द ही जनस्वास्थ्य विभाग के मंत्री महेश जोशी से मुलाकात करेंगे।
व्यर्थ बहता 56 हजार मिलियन घन मीटर पानीविभागीय आंकड़ों के अनुसार बारिश के चार माह में 56 हजार मिलीयन घन मीटर पानी बहकर समुद्र में चला जाता है। इससे पानी से 52.5 मिलियन घन मीटर क्षमता के पांचना बांध को 1100 बार भरा जा सकता है। वर्ष 2019 में 17 अगस्त को शाम 7 से रात 8 बजे एक घंटे में 129.77 मिलियन घन मीटर पानी व्यर्थ बह गया था।
मीणा द्वारा तैयार की गई अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार घडियाल अभयारण्य से दूर अधिगृहित क्षेत्र में सवाईमाधोपुर नादौती चम्बल लिफ्ट परियोजना के साथ ही इस परियोजना की लिफ्ट सिस्टम लगाया जा सकता है। जहां से पानी नीदड़ बांध होते हुए पांचना से 18 किलोमीटर दूर भद्रावती नदी के जरिए पांचना में लाया जाएगा। जहां से गुड़ला लिफ्ट परियोजना से आगिर्री बांध और हिण्डौन के जगर बांध पानी पहुंचाया जा सकता है। साथ ही पांचना बांध से नहरों से गंगापुरसिटी, टोडाभीम क्षेत्र व गंभीर नदी के जरिए 288 किलोमीटर तक जल प्रवाह भी किया जा सकता है। इससे नदी के दोनों तरफ 10-10 किलोमीटर क्षेत्र के गांव में जलस्त्रोतों में भूजल रिचार्ज हो सकेगा। उन्होंने बताया कि पांचना बांध से भरतपुर तक गंभीर नदी के तटवर्ती गांवों की जलजीवन मिशन के जल स्त्रोतों को रिजार्च करने के लिए 5500 एमसीएफटी पानी की जरुरत बताई गई है। ताकि वर्ष भर जलापूर्ति मिल सकें।
चार माह ही लिफ्ट होगा पानी
धौलपुर के घडियाल व उत्तरप्रदेश के डाल्फिन अभयारण के लिए प्रति सैकण्ड 164 घन मीटर पानी के बहाव की जरुरत होती है। अप्रेल माह से लेकर बारिश होने तक यह बहाव घट कर 58 से 70 घन मीटर प्रति सैकण्ड रह जाता है। ऐसे में बारिश के सीजन में 4 माह पानी लिफ्ट किया जाएगा। जिससे पांचना, जगर, आर्गिरी बांध सहित क्षेत्र के तालबों को भर जलस्त्रोत रिजार्च किए जाएंगे।
इनका कहना है…
चम्बल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना की डीपीआर अन्य एनओसी कार्य के लिए 276.92 लाख रुपए की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई है। मुख्य अभियंता से कंसलटिंग एजेंसी को लेकर चर्चा की गई। एजेंसी तय कर जल्द ही डीपीआर तैयार कराई जाएगी।
सुशील कुमार गुप्ता, एक्सईएन, जल संसाधन विभाग करौली।