विशेष बात यह है कि जिला पुलिस अधीक्षक व कलक्टर के अलावा पुलिस व प्रशासन के अन्य अधिकारियों के आवासों से सटे सर्किट हाउस के पार्क व आसपास के इलाके को भीनी-भीनी खुशबू से महका रहे दर्जनों चंदन के पेडों पर चोर आरी चला चुके हैं। लेकिन पुलिस इन्हें पकडऩा तो दूर सुराग तक नहीं ढूंढ पाई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 में ही सर्किट हाउस और उसके पीछे के खेतों में सफेद चंदन के पेड़ों का चोरी होने का सिलसिला अब तक लगातार चल रहा है। बीते पांच वर्षों में100 से ज्यादा चंदन के पेड़ चोरी हो चुके हैं। चंदन पेड़ चोरी के मामले करौली कोतवाली थाने में दर्ज कराए गए, लेकिन पुलिस को चोरियों का खुलासा करने में अभी तक सफलता नहीं मिली है।
सूत्रों के मुताबिक चंदन के पेड़ चोरी की अब तक घटी वारदातों में सामने सामने आया है कि चोर गिरोह चंदन के पेड पर आरी चलाने से पहले चंद दिनों का अंतराल रखता है। पहली घटना को अंजाम देने के चार से दस दिन बाद फिर से चंदन के पेड़ काट ले जाने की नई वारदात घटित हो जाती है। उल्लेखनीय है कि चंदन चोर हाल ही में हरसुख विलास से लाखों रुपए के चंदन के पेड़ों को काट ले जाने के बाद मैगजीन स्थित एक व्यापारी के फार्म हाउस व एक खेत से करीब पांच लाख रुपए के चंदन के पेड़ों को चुरा ले गए थे। लेकिन पुलिस ने इस बार भी चंदन तस्करों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
करौली में चंदन के पेडों की चोरी की घटनाओं के बीच हिण्डौन शहरी क्षेत्र में सपाट के पास किसानों ने दर्जनों बीघा में चंदन के प्लांटेशन की तैयारी कर ली है। इसके लिए कर्नाटक से 1500 से ज्यादा पौधों की खेप मंगाई है। किसान संतोष अग्र्रवाल का कहना है कि चंदन के पेड़ों की चोरी होना चिंताजनक है। किसान के कीमती पेड़ों की सुरक्षा नहीं होगी तो कैसे रुझान बढ़ेगा। पुलिस को कुछ विशेष कदम उठाने चाहिए।
हिण्डौन के निकटवर्ती मेड़ी गांव में एक आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा खेत में चंदन के पेड़ लगाए हुए हैं। करौली में चंदन चोरों की सक्रियता से व्यस्क होते चंदन के पेडों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। वहीं खेड़ली गुर्जर के समीप सलेमपुर कलां गांव में एक किसान ने एक बीघा भूमि में चंदन के पेड़ लगा रखें हैं। लेकिन चंदन के व्यस्क पेडों की सुरक्षा के लिए उनका पूरा परिवार खेत पर जाकर बस गया है।
चंदन के पेडों की चोरी की घटनाओं के खुलासे के लिए विशेष टीम का गठन किया है। जो कई दिन से मामलों की पड़ताल में लगी हैं। कई अहम सुराग मिले है।
मृदुल कच्छावा, जिला पुलिस अधीक्षक, करौली।