विकास अधिकारी लाखन सिंह कुंतल ने बताया कि सुबह ९.५५ बजे वे आंगनबाड़ी एक पर पहुंचे। जहां ताला लगा मिला। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन गुप्ता नहीं मौके पर नहीं थी। वहीं सूरौठ सीएचसी से टीकाकरण के लिए आई एएनएम एवं आशा सहयोगिनी केंद्र खुलने व कार्यकर्ता के इंजतार करती मिली। पूछताछ करने पर आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर 6 माह से पोषाहार का वितरण नहीं हो रहा है। केंद्र पर ताला लगा होने से मौके पर एक भी बच्चा मौजूद नहीं मिला।
आंगनबाड़ी केंद्र संख्या दो पर कार्यकर्ता शशि तो उपस्थित मिली, लेकिन केन्द्र पर एक भी बच्चा मौजूद नहीं था। वहीं निजी मकान में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में समुचित व्यवस्था नहीं थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि 3 माह से राशन सामग्री नहीं मिली है। जबकि मई 2019 तक पोषाहार के रसद रसीद प्राप्ति मौके पर मिली। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 6 माह से पोषाहार का वितरण नहीं करना पाया गया।
आंगनबाड़ी नंबर 3 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता मीणा सहायिका अनीता शर्मा उपस्थित मिली। जबकि मौके पर एक भी बच्चा नहीं मिला। आंगनबाड़ी केंद्र निजी घर में संचालित होने से बच्चों के नहीं आने की बात सामने आई। यहां 6 माह से पोषाहार का वितरण भी नहीं हुआ। जबकि पार्वती स्वयं सहायता समूह के नाम से काटे गए चालान में अब तक रसीद मिलीं। बच्चों को पोषाहार का वितरण नहीं करने पर विकास अधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई।
पुराने पंचायत भवन में स्थिति आंगनबाड़ी नंबर 4 पर १० बजकर ५५ मिनट पर ताला लगा मिला। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माया सिंघल नहीं मिली। आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र नियमित नहीं खुलता है। पोषहार वितरण भी कभीकभार होता है। विकास अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण में मिली गड़बडिय़ों की रिपोर्ट जिला कलक्टर को भेज महिला बाल विकास के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है। दोषी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।