स्कूलों में बनेंगी विज्ञान लैब, कम्प्यूटर कक्ष ,३६ करोड़ रुपए की लागत से होंगे
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करौलीPublished: Oct 06, 2018 07:00:18 pm
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स्कूलों में बनेंगी विज्ञान लैब, कम्प्यूटर कक्ष ,३६ करोड़ रुपए की लागत से होंगे निर्माण
करौली.समग्र शिक्षा अभियान (समसा) के तहत जिले के राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में विज्ञान व कम्प्यूटर लैबों का निर्माण होगा। इनके सहित पुस्तकालय व कक्षा-कक्षों के निर्माण के लिए भी सरकार ने ३६ करोड़ का बजट मंजूर कर निर्माण के आदेश जारी किए हैं। समग्र अभियान के तहत सरकार ने विज्ञान विषय की पढ़ाई को आसान बनाने के लिए प्रदेश भर के स्कूलो में विज्ञान लैब स्वीकृत की है। इसके तहत करौली जिले के ६३ सरकारी स्कूलों में विज्ञान लैब बनाई जाएंगी,प्रथम चरण में उन स्कूलों को शामिल किया है, जहां पर विज्ञान प्रयोगशाला के उपकरण थे, लेकिन भवन नहीं था। इसी प्रकार जिले के ६३ कम्प्यूटर भवन निर्माण का काम होगा। सरकार ने उक्त स्कूलों में कम्प्यूटर लैब स्वीकृत कर संसाधन उपलब्ध करा दिए थे। लेकिन कम्प्यूटर का कक्ष का अभाव था। इस कारण विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा का लाभ नहीं मिल रहा है।
पुस्तके नहीं रहेंगी अस्त-व्यस्त
सरकार ने समग्र अभियान के तहत किताबों को सुरक्षित रखने तथा पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए ६३ पुस्तकालय भवन भी स्कूलों में मंजूर किए है। आधुनिक तरीके से पुस्तकालयों का निर्माण कराके बिजली, पानी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पुस्तकालयों के अच्छे वातावरण में विद्यार्थी व स्टॉफ किताबें पढ़ सकेंगे।
ठसाठस नहीं लगेंगी कक्षाएं
जिले के अनेक स्कूलों में कक्षा-कक्षों के अभाव में विद्यार्थी एक ही कक्ष में ठसाठस बैठकर पढ़ाई करते हैं। इस कारण सरकार ने जिले के ३ स्कूलों में कक्षा-कक्ष स्वीकृत किए हैं। कक्षा-कक्षों का निर्माण होने के बाद विद्यार्थियों को पढ़ाई में आसानी रहेगी। स्कूल के स्टाफ को भी राहत मिलेगी। समग्र अभियान के सहायक जिला परियोजना समन्वयक इन्द्रेश तिवाड़ी ने बताया कि बजट मिलने के बाद निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई है।
हैण्डपम्प खराब होने से पेयजल किल्लत मण्डरायल. समीपवर्ती पांचोंली गांव में दो अलग-अलग स्थानों पर लम्बे समय से हैण्डपम्प खराब होने से लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पंच कि अथाई व निचले पाड़े में छह माह से अधिक समय से हैण्डपम्प खराब है। लोगों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है। निजी नलकूपों से पानी लाना पड़ रहा है।दोनों ही मोहल्लो के करीब 40 घरों के लोग इन्ही हैण्डपम्पों पर आश्रित है। जिनको ठीक कराने की कई बार विभागीय अधिकारियों से मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित शिविर में लिखित में सूचना देने के बाद भी समस्या जस की तस है।