अस्पताल के रक्त संग्रहण केन्द्र में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत में ही रक्त का टोटा हो गया है। मदर ब्लड बैंक स्तर पर भी रक्त की उपलब्धता नहीं है। ऐसे में कई बार मांग-पत्र भेजने के बाद भी मदर ब्लड बैंकों से आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। रक्तदान के लिए संभाग स्तर पर ख्यात हिण्डौन जिला चिकित्सालय के रक्त संग्रहण केन्द्र बीते वर्ष 6 दिसम्बर से खून के अभाव में रीता पड़ा है
कोरोना संक्रमण का असर रक्त संग्रहण केन्द्र पर देखने को मिल रहा है। स्थित यह है कि सुद्रढ़ स्वास्थ्य सेवाओं के बीत तीन वर्ष से संक्रमण के दौर में रक्त संग्रहण केंद्र रीता है। पहली लहर में तीन माह जून, जुलाई व अगस्त में रक्त संग्रहण केन्द्र सूखा रहा। वहीं दूसरी लहर में ढाई माह तक रक्त संग्रहण केंद्र सूखा रहा। अब तीसरी लहर की दस्तक में डेढ़ माह से सूखा है।
रक्त संग्रहण केंद्र के रक्त बीतने पर जिला चिकित्सालय से डेढ़ माह में चार बार मांग पत्र भेजा गया। इसके बाद भी रक्त की आपूर्ति नहीं मिली।
चिकित्सालय सूत्रों ने बताया कि जयपुरिया ब्लड बैंक को को तीन वार क्रमश: 55,24 व 55 यूनिट व करौली ब्लड बैंक को दिसम्बर माह में 27 यूनिट का मांग पत्र भेजा गया।
राजकीय चिकित्सालय में वर्ष 2009 में रक्त संग्रहण केन्द्र खोला गया। जिसे करौली ब्लड बैंक से सम्बद्ध कर रक्त की आपूर्ति तय की गई। बीते वर्ष एसडीएच चिकित्सालय को सरकार ने जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत कर दिया, लेकिन प्रति वर्ष डेढ़ से दो हजार यूनिट रक्तदान के बाद भी संग्रहण केंद्र जस के तस है।
इनका कहना है-
रक्त संग्रहण केन्द्र में फिलहाल रक्त के अभाव में रीत गया है। मदर ब्लड बैंकों से भी आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। जयपुर व करौली ब्लड बैंक को मांग पत्र भेजा हुआ है।
–डॉ. नमोनारायण मीणा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी,
जिला चिकित्सालय, हिण्डौनसिटी।
जनवरी ——–110 —————110———————– 77
फरवरी ——–45 —————-78 ————————78
मार्च ———–08 —————-08 ————————08
अप्रेल———- 00 —————-00————————- 00
मई ————-08 —————08 —————————00
जून————-00 —————–08 ————————–08
जुलाई ———-63——————- 63 ————————-63
अगस्त———- 140 —————-140———————— 78
सितम्बर ———-20 ——————-82 ———————–79
अक्टूबर ———-105——————-108 ——————–105
नवम्बर———– 09———————-12 ———————–10
दिसम्बर ———–0 0——————-02 ———————–02(6 दिसम्बर से ड्राई)