scriptयहां दिखा कोरोना टीकाकरण का सुखद असर | Corona vaccination showed a pleasant effect here | Patrika News

यहां दिखा कोरोना टीकाकरण का सुखद असर

locationकरौलीPublished: May 10, 2021 08:34:57 pm

Submitted by:

Surendra

यहां दिखा कोरोना टीकाकरण का सुखद असर, कोरोना नहीं बना जीवन को खतराकरौली ब्लॉक में सर्वाधिक 108 प्रतिशत टीकाकरण
करौली। कोविड वैक्सीन के बाद कोरोना संक्रमण से जीवन को खतरा नहीं होता है। इसकी हकीकत करौली पंचायत समिति की पंचायत महौली और पड़ोस के गांव कोटे में देखी जा सकती है। महौली गांव में टीकाकरण की शानदार उपलब्धि के कारण संक्रमण से लोगों का जीवन सुरक्षित रहा है तो दूसरी ओर छोटे से कोटे गांव में कई मौतों ने इस महामारी से दहशत में ला दिया है।

यहां दिखा कोरोना टीकाकरण का सुखद असर

यहां दिखा कोरोना टीकाकरण का सुखद असर

यहां दिखा कोरोना टीकाकरण का सुखद असर
कोरोना नहीं बना जीवन को खतरा
करौली ब्लॉक में सर्वाधिक 108 प्रतिशत टीकाकरण

करौली। कोविड वैक्सीन लगने के बाद कोरोना संक्रमण से जीवन को खतरा नहीं होता है। इस बारे में विभिन्न चिकित्सकों तथा वैज्ञानिकों की ओर से लगातार प्रचारित किया जा रहा है। लेकिन इसकी हकीकत करौली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत महौली और इसके पड़ोस के गांव कोटे में देखी जा सकती है। जहां महौली गांव में टीकाकरण की शानदार उपलब्धि के कारण संक्रमण से लोगों का जीवन सुरक्षित बना रहा है तो दूसरी ओर छोटे से कोटे गांव में कई मौतों ने लोगों को इस महामारी से दहशत में ला दिया है।
महौली ग्राम पंचायत अन्तर्गत महौली गांव सहित अन्य गांव-ढाणियों में लगभग 1500 घर और 10 हजार की आबादी है। इस पंचायत क्षेत्र की खास उपलब्धि यह रही है कि क्षेत्र में 44 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सदस्यों का कोविड वैक्सीनेशन 108 प्रतिशत तक किया जा चुका है। पंचायत क्षेत्र में 45 वर्ष से अधिक उम्र के 1178 सदस्यों के मुकाबले में 1250 से अधिक को टीके लगाए गए हैं। यह अधिक संख्या का कारण अन्य क्षेत्र के भी कुछ लोगों का टीकाकरण किया जाना है जिनका आधार कार्ड के आधार पर टीका लगाए जाने का नियम है।
इस पंचायत क्षेत्र में विशेष तौर पर महौली गांव में टीकाकरण की स्थिति अच्छी रही है। इसका सुखद नतीजा यह रहा है कि महौली क्षेत्र में कोरोना के कारण किसी के जीवन को खतरा उत्पन्न नहीं हुआ है। हालांकि बीते 15 से यहां भी कोरोना ने पैर पसारे और काफी लोगों को इस महामारी के लक्षण दिखे। ग्रामीणों के अनुसार घर-घर में बुखार, खांसी-जुकाम की बीमारी खूब रही है लेकिन घरों में ही उनका उपचार संभव हो गया।
महौली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक प्रशांत शर्मा बताते हैं कि कोरोना लक्षण वाले मरीज उनके इलाके में काफी संख्या में आए है लेकिन कोरोना के टीकाकरण का प्रभाव यह रहा कि किसी मरीज का जीवन खतरे में पडऩे की बात तो दूर की रही किसी को करौली तक रैफर करने की नौबत भी नहीं आई।
असल में कोविड संक्रमण को रोकने के लिए चिकित्सा विभाग और महिला बाल विकास विभाग के कार्मिकों ने समन्वय कायम करके पूरे गांव में अच्छे प्रयास किए।
महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक अंतिमा शर्मा, लैब टैक्नीशियन दीपक गर्ग, एएनएम प्रियंका माली ने भरपूर मेहनत करके कोरोना के टीकाकरण में शानदार उपलब्धि अर्जित की है। यह उपलब्धि करौली ब्लॉक में सर्वाधिक है।
किसी सदस्य के संक्रमित मिलने पर उसके सम्पर्क में आए सभी सदस्यों के तत्काल नमूने लेकर जांच कराई गई। उनके प्राथमिक उपचार करने में कोताही नहीं बरती गई। पंचायत ने हाइपोक्लोराइड का स्प्रे भी संक्रमित मरीज मिलने वाले इलाके में कराया। डॉक्टर प्रशांत बताते हैं कि महौली गांव में कोरोना से बचाव की किट का वितरण किया जा चुका है।
जानकारों का मानना है कि इन प्रयासों के कारण गांव वाले खुद को कोरोना संक्रमण के दौर में सुरक्षित महसूस कर
रहे हैं।
पड़ोस के गांव में स्थिति विपरीत

एक ओर महौली गांव की यह सुखद स्थिति है तो दूसरी ओर महौली के पड़ोसी गांव कोटे की विपरीत स्थिति नजर आती है। 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति मात्र 53 प्रतिशत बताई जा रही है। शायद यही कारण है कि इस गांव क्षेत्र में कोरोना महामारी लोगों के जीवन के लिए खतरा बनी है। सूत्र बताते हैं कि इस गांव में बीते 15 से 20 दिनों में 10 से अधिक मौत हो चुकी हैं और कमोवेश सभी घरों में कोरोना के लक्षणों के साथ लोग बीमारी की चपेट में आए हैं। हालांकि इन मौतों की चिकित्सा अधिकारी पुष्टि नहीं करते लेकिन ग्रामीणों के अनुसार मृतकों में कोरोना के लक्षण पाए गए थे जिसके बाद उनकी मौत भी हुई। इस छोटे से गांव में लोगों में इस महामारी को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो