डीएसटी प्रभारी यदुवीर सिंह ने बताया कि आरोपी मध्यप्रदेश के ग्वालियर के विवेक नगर निवासी संजय जैन है। जो स्काईलॉर्क कुलाक एसएलडीआई इन्फ्राकॉम नाम की एक चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर हैं। आरोपी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वर्ष 2012 में हिण्डौन में चिटफंड कंपनी का कार्यालय खोला था। इसके बाद कमीशन एजेन्ट नियुक्त कर शहरी व ग्रामीण इलाके के भोले-भाले लोगों को मोटे ब्याज का झांसा देकर आरडी, एफडी समेत विभिन्न बैंकिंग योजनाओं में निवेश के नाम पर करोडों रुपए जमा कर लिए।
करीब दो वर्ष बाद रातोंरात चिटफंड कंपनी का कार्यालय बंद कर लोगों के द्वारा निवेश किए करोडों रुपए लेकर चंपत हो गए। देशभर में दर्ज है दो दर्जन से अधिक मामले-
आरोपी के खिलाफ राजस्थान में, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, तेलंगाना समेत देशभर के विभिन्न थानों में जालसाजी के दर्जनों प्रकरण दर्ज हैं। वर्ष 2017 में हिण्डौन कोतवाली पर कंपनी में कर्मचारी रहे सुलेमान खान व सूरौठ थाने पर निर्मल जाट व देवीसिंह जाटव ने आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था, लेकिन तभी से आरोपी फरार थे। एसपी मृदुल कच्छावा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 27 अगस्त को चिटफंड कंपनी के जालसाज निदेशक रमाशंकर यादव, संजय जैन, जयहिन्द कुमार व महेन्द्र कुमार विश्वकर्मा की गिर तारी पर के लिए पांच-पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
आरोपी के खिलाफ राजस्थान में, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, तेलंगाना समेत देशभर के विभिन्न थानों में जालसाजी के दर्जनों प्रकरण दर्ज हैं। वर्ष 2017 में हिण्डौन कोतवाली पर कंपनी में कर्मचारी रहे सुलेमान खान व सूरौठ थाने पर निर्मल जाट व देवीसिंह जाटव ने आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था, लेकिन तभी से आरोपी फरार थे। एसपी मृदुल कच्छावा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 27 अगस्त को चिटफंड कंपनी के जालसाज निदेशक रमाशंकर यादव, संजय जैन, जयहिन्द कुमार व महेन्द्र कुमार विश्वकर्मा की गिर तारी पर के लिए पांच-पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
कांस्टेबलों ने दिलाई कामयाबी-
जालसाजी का शिकार हुए निवेशक लगातार अपने जमा पैसे की वापसी की गुहार लगा रहे थे। इस पर एसपी ने चिटफंड कंपनी के जालसाज इनामी आरोपियों को पकडऩे का जि मा डीएसटी को दिया। इसके बाद डीएसटी के कांस्टेबल परमजीत सिंह व मानसिंह अपने मुखबिरों के जरिए आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाने लगे। कांस्टेबलों की महत्वपूर्ण जानकारी के दम पर विगत अगस्त व सित बर माह में डीएसटी ने कंपनी के निदेशक जयङ्क्षहद व महेन्द्र कुमार को वाराणसी व प्रयागराज से, रमाशंकर यादव को मध्यप्रदेश के भिंड जिला के मऊ कस्बे से गिर तार किया था। अब मुखबिर के जरिए संजय जैन के शिवपुरी में होने की सूचना मिली। इस पर टीम प्रभारी यदुवीर सिंह, एएसआई राजवीरसिंह, परमजीत, मानसिंह, नरेन्द्र, संदीप, मोहनसिंह, तेजवीर व विक्रम को साथ लेकर निजी वाहन से शिवपुरी पहुंचे। जहां मोबाइल लोकेशन के आधार पर एक सुनार की दुकान पर दबिश देकर संजय जैन को दबोच लिया।
जालसाजी का शिकार हुए निवेशक लगातार अपने जमा पैसे की वापसी की गुहार लगा रहे थे। इस पर एसपी ने चिटफंड कंपनी के जालसाज इनामी आरोपियों को पकडऩे का जि मा डीएसटी को दिया। इसके बाद डीएसटी के कांस्टेबल परमजीत सिंह व मानसिंह अपने मुखबिरों के जरिए आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाने लगे। कांस्टेबलों की महत्वपूर्ण जानकारी के दम पर विगत अगस्त व सित बर माह में डीएसटी ने कंपनी के निदेशक जयङ्क्षहद व महेन्द्र कुमार को वाराणसी व प्रयागराज से, रमाशंकर यादव को मध्यप्रदेश के भिंड जिला के मऊ कस्बे से गिर तार किया था। अब मुखबिर के जरिए संजय जैन के शिवपुरी में होने की सूचना मिली। इस पर टीम प्रभारी यदुवीर सिंह, एएसआई राजवीरसिंह, परमजीत, मानसिंह, नरेन्द्र, संदीप, मोहनसिंह, तेजवीर व विक्रम को साथ लेकर निजी वाहन से शिवपुरी पहुंचे। जहां मोबाइल लोकेशन के आधार पर एक सुनार की दुकान पर दबिश देकर संजय जैन को दबोच लिया।
ससुराल में शरण लेकर सुनार की दुकान पर करता था मजदूरी-
डीएसटी के मुताबिक चिटफंड कंपनी का जालसाज डायरेक्टर संजय जैन कुछ बर्ष पहले तक करोडपति हुआ करता था, लेकिन देशभर में निवेशकोंं से ठगी के दर्जनों मुकदमे दर्ज होने के बाद पुलिस से बचनेे के लिए फरारी काटनी पड़ी। इसी बीच वह करोड़पति से कंगाल हो गया। इधर पुलिस की दबिशें बढऩे लगी तो संजय जैन को राजनीति का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर स्थित अपना घर छोड़ शिवपुरी स्थित ससुराल में शरण लेनी पड़ी। जहां वह एक सुनार की दुकान पर नौकरी करने नगा। डीएसटी ने आरोपी को इसी सर्राफे की दुकान से दबोचा गया।
डीएसटी के मुताबिक चिटफंड कंपनी का जालसाज डायरेक्टर संजय जैन कुछ बर्ष पहले तक करोडपति हुआ करता था, लेकिन देशभर में निवेशकोंं से ठगी के दर्जनों मुकदमे दर्ज होने के बाद पुलिस से बचनेे के लिए फरारी काटनी पड़ी। इसी बीच वह करोड़पति से कंगाल हो गया। इधर पुलिस की दबिशें बढऩे लगी तो संजय जैन को राजनीति का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर स्थित अपना घर छोड़ शिवपुरी स्थित ससुराल में शरण लेनी पड़ी। जहां वह एक सुनार की दुकान पर नौकरी करने नगा। डीएसटी ने आरोपी को इसी सर्राफे की दुकान से दबोचा गया।