थानाप्रभारी वीरसिंह गुर्जर ने बताया कि हरियाणा की मेवाती गैंग के सदस्य नूह जिले के ताउडू थाना क्षेत्र के गांव मालाका निवासी सालिम उर्फ कुण्डा मेव, अरशद मेव व फिरोजपुर के मदापुरा निवासी वसीम मेव हैं। पुलिस इन बदमाशों को जयपुर की सेन्ट्रल जेल से 22 मार्च को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी। तभी से तीनों बदमाश रिमांड पर चल रहें हैं। पुलिस की पूछताछ के बाद गहराई से की गई छानबीन में पता चला है कि आरोपी भोले-भाले लोगो को अपने जाल में फंसाकर पैसे ठगने का कार्य करते हैं। थानाप्रभारी ने बताया कि आरोपी वारदात को अंजाम देने के लिए कार से आते थे। वे हमेशा अपने पास विभिन्न बैंकों के 100 से 150 एटीएम कार्ड, मोबाइल सिमकार्ड, रुपए ट्रांजेक्शन करने के काम आने वाली पीओएस मशीन अपने साथ रखते थे।
एटीएम कार्ड बदल लोगों के खाते में लगाते थे सेंध-
पुलिस कि लम्बी पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि वारदात के वक्त गिरोह के तीन-चार लोग एटीएम केबिन में अन्दर जाकर ऐसे ग्राहकों का इन्तजार करते थे, जो भोले-भाले और ग्रामीण परिवेश के हों। या फिर जिन्हें एटीएम चलाना(ऑपरेट) ही नहीं आता हो। आरोपी ऐसे लोगों से मदद के बहाने एटीएम कार्ड बदल कर मोटी रकम पार करते थे। बदमाशों में कुछ लोग एटीएम बूथ के बाहर हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार खड़े रहते थे। साथ ही चालक कार के स्टार्ट रखता था। थानाप्रभारी ने बताया कि कसाने का नंगला निवासी शिभू सिंह गुर्जर ने 23 फरवरी को हिण्डौन रोडवेज बस स्टेण्ड के पास स्थित एटीएम से 9500-9500 रुपए दो बार में निकाले। इस दौरान इन बदमाशों ने एटीएम हैक कर दिया। जब पीडित वहां से रवाना हो गया, तो आरोपियों ने पीछे से उसके बैंक खाते सेे 50 हजार रुपए निकाल लिए।
पुलिस कि लम्बी पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि वारदात के वक्त गिरोह के तीन-चार लोग एटीएम केबिन में अन्दर जाकर ऐसे ग्राहकों का इन्तजार करते थे, जो भोले-भाले और ग्रामीण परिवेश के हों। या फिर जिन्हें एटीएम चलाना(ऑपरेट) ही नहीं आता हो। आरोपी ऐसे लोगों से मदद के बहाने एटीएम कार्ड बदल कर मोटी रकम पार करते थे। बदमाशों में कुछ लोग एटीएम बूथ के बाहर हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार खड़े रहते थे। साथ ही चालक कार के स्टार्ट रखता था। थानाप्रभारी ने बताया कि कसाने का नंगला निवासी शिभू सिंह गुर्जर ने 23 फरवरी को हिण्डौन रोडवेज बस स्टेण्ड के पास स्थित एटीएम से 9500-9500 रुपए दो बार में निकाले। इस दौरान इन बदमाशों ने एटीएम हैक कर दिया। जब पीडित वहां से रवाना हो गया, तो आरोपियों ने पीछे से उसके बैंक खाते सेे 50 हजार रुपए निकाल लिए।
रैणी में दबोचे गए थे बदमाश-
थानाप्रभारी वीरसिंह ने बताया कि तीनों शातिर ठगों ने 23 फरवरी को हिण्डौन के अलावा गंगापुरसिटी में भी ठगी की वारदातों को अंजाम दिया था। वहां से वापस लौटते समय अलवर जिले के रैणी कस्बे में पुलिस की तलाशी के दौरान आरोपी पकड़े गए। इस दौरान आरोपियों से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, स्वाइप मशीन जब्त की गई थी। आरोपियों ने जयपुर, रैणी, गंगापुर, हिण्डौन, करौली, गुडगांव, भिवाड़ी, नारनौल समेत कई जगहों पर वारदात करना कबूला है।
थानाप्रभारी वीरसिंह ने बताया कि तीनों शातिर ठगों ने 23 फरवरी को हिण्डौन के अलावा गंगापुरसिटी में भी ठगी की वारदातों को अंजाम दिया था। वहां से वापस लौटते समय अलवर जिले के रैणी कस्बे में पुलिस की तलाशी के दौरान आरोपी पकड़े गए। इस दौरान आरोपियों से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, स्वाइप मशीन जब्त की गई थी। आरोपियों ने जयपुर, रैणी, गंगापुर, हिण्डौन, करौली, गुडगांव, भिवाड़ी, नारनौल समेत कई जगहों पर वारदात करना कबूला है।
सावधानी हटी, वारदात घटी-
थानाप्रभारी वीरसिंह ने बताया कि आज की डिजिटल जिंदगी में काम तो तेजी से होने लगे हैं, परंतु इसके साथ ही सायबर ठग सक्रिय हो गए हैं। साइबर धोखाधड़ी में फंस कर लोग अपना पैसा गंवा देते हैं। इस लिए आमजन को जागरूक होना होगा। साइबर ठग लोगों को बातों में उलझा कर धोखाधड़ी करेगा। या फिर वह आपको लालच देकर धोखाधड़ी करेगा। इस प्रकार से साइबर अपराधियों से बचने के लिए खुद को जागरूक करें। और किसी भी फोन काल या एसएमएस पर कोई भी निजी, बैंक खाते और रजिस्टर मोबाइल नंबर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी बिल्कुल न दें। किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी होती है तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल और साइबर हेल्प लाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। इसके साथ संबंधित थाना में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
थानाप्रभारी वीरसिंह ने बताया कि आज की डिजिटल जिंदगी में काम तो तेजी से होने लगे हैं, परंतु इसके साथ ही सायबर ठग सक्रिय हो गए हैं। साइबर धोखाधड़ी में फंस कर लोग अपना पैसा गंवा देते हैं। इस लिए आमजन को जागरूक होना होगा। साइबर ठग लोगों को बातों में उलझा कर धोखाधड़ी करेगा। या फिर वह आपको लालच देकर धोखाधड़ी करेगा। इस प्रकार से साइबर अपराधियों से बचने के लिए खुद को जागरूक करें। और किसी भी फोन काल या एसएमएस पर कोई भी निजी, बैंक खाते और रजिस्टर मोबाइल नंबर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी बिल्कुल न दें। किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी होती है तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल और साइबर हेल्प लाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। इसके साथ संबंधित थाना में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।