scriptसंत को सपने में दिया दरस, खुदाई में निकली देवी मां की प्रतिमा | Daras given to the saint in a dream, the idol of Mother Goddess found | Patrika News

संत को सपने में दिया दरस, खुदाई में निकली देवी मां की प्रतिमा

locationकरौलीPublished: Oct 01, 2022 10:26:32 pm

Submitted by:

Anil dattatrey

Daras given to the saint in a dream, the idol of Mother Goddess found in the excavation
कैलादेवी का प्रतिरूप है नक्कश की देवी

 संत को सपने में दिया दरस, खुदाई में निकली देवी मां की प्रतिमा

संत को सपने में दिया दरस, खुदाई में निकली देवी मां की प्रतिमा

हिण्डौनसिटी. जलसेन तालाब के किनारे स्थित नक्कश की देवी मंदिर में विराजित देवी मां की युगल प्रतिमा करौली की कैलादेवी मां का स्वरूप नजर आता है। एक सदी से अधिक पुराने मंदिर में देवी मां की दूसरी प्रतिमा का संत गोमतीदास को स्वप्र में दरस दे भूमि की खुदाई से प्राकट्य हुआ था। करीब साढ़े तीन दशक पुरानी घटना से श्रद्धालुओं में मंदिर के प्रति आस्था बढ़ गई। संत द्वारा निर्मित नक्कश की देवी मां का भव्य मंदिर क्षेत्र की आस्था का केंद्र है।

बुजुर्गों के अनुसार सदियों पहले शहर की आबादी में बसावट का छोर (नक्कश) पर देवी मां का प्रांचीन मंदिर था। पाटोरपोश भवन में देवी मां एकल प्रतिमा विराजित थी। शहर के नक्कश पर होने से मंदिर नक्कश की देवी के नाम से ख्यात हो गया। शाहगंज निवासी सेवानिवृत शिक्षक वीरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि मासलपुर डांग क्षेत्र के सागर सरोबर के पास तप कर रहे संत गोमतीदास का हिण्डौन आगमन हुआ। वर्ष 1986 में संत उनके घर पर रुके हुए थे। रात में संत को कैलादेवी ने जलसेन की पाल पर स्थित देवी मंदिर के पास पीपल के पेड़ के नीचे प्रतिमा के दबे होने का दरस दिया।
सुबह संत ने शिष्यों से स्वप्र की चर्चा की और मंदिर के पास खुदाई करवाई तो करीब 8-10 फीट की गहराई में टेडी गर्दन की देवी मां की पाषाण की प्रतिमा निकली। जो मंदिर में विराजित प्रतिमा के समान प्रमाण(ऊंचाई) की थी। संत गोमती दास ने विधिविधान से भूमि से निकली प्रतिमा को मंदिर मूल प्रतिमा के साथ विराजित कराया। भूमि से देवी मां की प्रतिमा निकलने की सूचना पर मंदिर पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया। तब से मंदिर में कैलादेवी की भांति देवी मां के युगल स्वरूप की पूजा होती है। मंदिर में प्रतिदिन पांच आरतियां होती हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्र में खास आयोजन होते हैं।
गोली भगत का होता था पड़ाव-
बुजुर्गों के अनुसार आगरा का कैला मां श्रद्धालु गोली भगत सदियों पहले बैलगाडियों से कैला मां के दर्शन करने आते थे। जो हिण्डौन में नक्कश की देवी मंदिर पर पड़ाव डालकर रुकते और देवी मां की आराधना करते।
मंदिर को प्रतिष्ठित हैं दर्जनों देव प्रतिमाएं
नक्कश की देवी मंदिर में जीर्णोद्धार कर संत गोमती दास ने देवी-देवताओं की दर्जनों प्रतिमा प्रतिष्ठत करवा भव्यता दी। मंदिर में गर्भग्रह के चारों तरफ बने कक्षों में शिव परिवार, पंचमुखी हनुमान, राम मंदिर, यमराज, हनुमानजी, अष्ठभुजा दुर्गा मां, काली मांता, शीतला माता, भैरवदेव आदि के मंदिर हैं।
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