इससे पहले सुबह मृतक के आक्रोशित परिजनों ने करौली कोतवाली के सामने धरना देते हुए प्रदर्शन किया और लगभग दो घंटे कोतवाली के सामने सड़क पर जाम भी लगाया। इस दौरान मृतक के पिता भूदेव अवस्थी द्वारा हिण्डौन में नई मण्डी थानाधिकारी दिनेश मीणा सहित पुलिस कर्मियों और एक पत्रकार के खिलाफ हत्या के आरोप की सौंपी गई प्राथमिकी करौली कोतवाली में दर्ज कर ली गई। इसके बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों और अन्य लोगों की समझाइश पर परिजनों ने कोतवाली के सामने से धरना खत्म किया और अपने घर हिण्डौन चले गए। उन्होंनेे शव लेने से इंकार कर दिया। हिण्डौन में जाकर परिजन सहित कुछ लोगों ने उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पर पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। कुछ देर के लिए अस्पताल मार्ग पर जाम भी लगाया।
पोस्टमार्टम से नहीं खुलासा, बिसरा भेजा एफएसएल इधर जिला चिकित्सालय में न्यायिक अधिकारी विभा आर्य की उपस्थिति में तीन चिकित्सकों के बोर्ड ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया। बोर्ड में शामिल चिकित्सक डॉ. गोविन्द गुप्ता तथा डॉ. शिशुपाल मीणा ने बताया कि पोस्टमार्टम से प्राथमिक तौर पर मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। गहनता से जांच की मंशा से मृतक का बिसरा जयपुर में एफएसएल को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि जाहिरा तौर पर मृतक के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान या मौत के अन्य कोई लक्षण नहीं पाए गए।
हिण्डौन में मोहननगर निवासी 21 वर्षीय मुकेश अवस्थी उर्फ मोनू को पुलिस से मारपीट, बदसलूकी और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे 24 को करौली न्यायालय में पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 26 को तबीयत बिगडऩे पर पहले जेल में उसका चिकित्सक ने उपचार किया। स्थिति बिगडऩे पर उसे चिकित्सालय रैफर किया तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृदुल कच्छावा, पुलिस अधीक्षक करौली