मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गणपतलाल मीना ने बताया कि सुबह के समय ग्रामीणों ने विकास अधिकारी से स्कूल का माहौल बिगड़ा हुआ होने, अध्यापकों की लापरवाही भरी कार्यप्रणाली व बच्चों के कमजोर शैक्षणिक स्तर की शिकायत की थी। इस पर वे स्वयं विकास अधिकारी के साथ जांच के लिए स्कूल में पहुंचे। वहां पर प्रथम दृष्टया ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई और काफी गड़बड़ी मिली। जांच के दौरान विद्यार्थियों ने अध्यापकों पर स्कूल परिसर में धूम्रपान ( smoking in school ) करने का आरोप लगाया। अधिकारियों को परिसर में बीडी-सिगरेट भी पड़ी नजर आईं जिससे शिकायत की पुष्टि भी हुई। इसी प्रकार हरित राजस्थान अभियान की प्रगति शून्य पाई गई। अध्यापक मुकेश गर्ग की उपस्थिति पंजिका में कांट-छांट भी मिली।
मीना ने बताया कि एक शिक्षक के बारे में क्लास रूम व स्कूल परिसर में अश्लील बातें ( teacher obscene activity ) करने की शिकायत भी सामने आई, जिसकी अलग से जांच करके रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।
बालिका बना रही थी पोषाहार मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीईओ) ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई का माहौल नहीं था। निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राएं स्कूल परिसर में घूमते मिले। कुछ छात्राएं पढ़ाई के स्थान पर पोषाहार पकाती मिली। इसको गम्भीर अनियमितता माना गया है। संस्था प्रधान द्वारा कक्षाओं का निरीक्षण नहीं करने, स्टाफ पर नियंत्रण नहीं होने तथा स्कूल के समय गायब रहने का तथ्य जांच में सामने आया है।
80 के नामांकन पर 14 शिक्षक, फिर भी घटता नामांकन स्कूल में 80 विद्यार्थियों पर 14 शिक्षक पदस्थापित हैं। इसके बाद भी शैक्षणिक स्तर कमजोर पाया गया। दसवीं के विद्यार्थी प्रारम्भिक कक्षाओं तक के सवालों का जवाब नहीं दे सके। ग्रामीणों की ओर से शिकायत की गई कि स्कूल कि इस बदतर स्थिति के कारण नामांकन लगातार घट रहा है। कभी स्कूल मेें 400 छात्र-छात्राओं का नामांकन था, जो अब घटकर 80 रह गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में नामांकन शून्य मिला है।
संस्था प्रधान को नोटिस देकर जवाब मांगा जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि स्कूल की कक्षा दसवीं का परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत ही रहा है, जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नियमों के खिलाफ है। स्कूल की इस स्थिति को देखकर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने अध्यापक प्रेमप्रकाश शुक्ला व मुकेश शर्मा को तत्काल रूप से एपीओ करते हुए उनका मुख्यालय टोडाभीम किया गया है। विभिन्न शिकायतों और जांच कार्रवाईमें मिली गड़बड़ी पर संस्था प्रधान को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।