गौरतलब है कि डायलिसिस रक्त शोधन की कृत्रिम विधि होती है। किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर पाने की स्थिति में डायलिसिस की जरुरत पड़ती है। गुर्दे से जुड़े रोगों जैसे लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है।
6 माह पहले मिली थीं मशीनें
राज्य सरकार की ओर से जिला चिकित्सालय के लिए करीब 6 माह पहले दो डायलिसिस मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं। लेकिन लम्बे तक मशीनों का संचालन नियम-शर्तों, मापदण्डानुसार चिकित्सक आदि में उलझा रहा। इससे मशीनें बंद रखी थी।
राज्य सरकार की ओर से जिला चिकित्सालय के लिए करीब 6 माह पहले दो डायलिसिस मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं। लेकिन लम्बे तक मशीनों का संचालन नियम-शर्तों, मापदण्डानुसार चिकित्सक आदि में उलझा रहा। इससे मशीनें बंद रखी थी।
अब डायलिसिस यूनिट के संचालन का जिम्मा पीपीपी मोड़ पर संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया। कम्पनी की ओर से डायलिसिस यूनिट में अन्य सभी व्यवस्थाएं भी कर ली गई हैं। डायलिसिस शुल्क की यह व्यवस्था
चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार डायलिसिस कराने वाले रोगी को शुल्क चुकाना होगा, जबकि बीपीएल, वरिष्ठ नागरिक, कैंसर पीडि़त, महिलाओं के लिए नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी। डायलिसिस यूनिट में कार्य के लिए एक स्थानीय सेवानिवृत चिकित्सक नियमित सेवाएं देंगे, जबकि माह में एक बार नेफ्रोलॉजिस्ट सेवाएं देंगे।
चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार डायलिसिस कराने वाले रोगी को शुल्क चुकाना होगा, जबकि बीपीएल, वरिष्ठ नागरिक, कैंसर पीडि़त, महिलाओं के लिए नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी। डायलिसिस यूनिट में कार्य के लिए एक स्थानीय सेवानिवृत चिकित्सक नियमित सेवाएं देंगे, जबकि माह में एक बार नेफ्रोलॉजिस्ट सेवाएं देंगे।
जाना पड़ता है बाहर
करौली सहित आसपास के शहरों में अभी तक डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में डायलिसिस की जरुरत वाले रोगियों को जयपुर या अन्य कहीं जाने की मजबूरी होती है। जिससे उन्हें समय खर्च करने के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। अब स्थानीय स्तर पर सुविधा मिलने से उन्हें राहत मिलेगी।
करौली सहित आसपास के शहरों में अभी तक डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में डायलिसिस की जरुरत वाले रोगियों को जयपुर या अन्य कहीं जाने की मजबूरी होती है। जिससे उन्हें समय खर्च करने के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। अब स्थानीय स्तर पर सुविधा मिलने से उन्हें राहत मिलेगी।
यूनिट तैयार है
चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट तैयार हो गई है, जिसे पीपीपी मोड पर फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में शुरू कर दिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर रोगियों को यह सुविधा मिलने से उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे राहत मिलेगी।
डॉ. भुवेनश बंसल, उपनियंत्रक सामान्य चिकित्सालय, करौली
चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट तैयार हो गई है, जिसे पीपीपी मोड पर फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में शुरू कर दिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर रोगियों को यह सुविधा मिलने से उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे राहत मिलेगी।
डॉ. भुवेनश बंसल, उपनियंत्रक सामान्य चिकित्सालय, करौली