प्राथमिकी में सुरेश ने बताया था कि मेरे भाई डॉ. महेश मीना को मेरी भुआ के लड़के डॉ. जितेन्द्र मीना निवासी गोठ (बामनवास), हाल चिकित्सक निम्स हॉस्पिटल जयपुर एवं दशरथ सिंह गोलाडा निवासी चम्पापुरा कालवाड रोड जयपुर ने मिल कर बैंक और फाइनेंस कम्पनियों से 55 लाख रुपए के ऋण दिलवाए। उन्होंने ऋण कागजातों पर महेश के साइन कराए और ऋण राशि को डॉ. जितेन्द्र एवं दशरथ जाट ने हड़प लिया। आरोपियों ने किस्त राशि भी जमा नहीं कराई। इस पर फाइनेंस कम्पनियों का लगातार दबाव भाई पर बढ़ रहा था। इससे महेश काफी परेशान था। प्राथमिकी में सुरेश ने आरोप लगाया कि महेश द्वारा रुपयों का अधिक तकादा करने पर आरोपियों ने उसकी हत्या करके शव को गाड़ी में डाल दिया। महेश हिण्डौन से देर रात को निकले थे और तड़के सड़क किनारे कार में शव मिला। डॉ. महेश के बांये हाथ में केनूला लगा हुआ था।
कई दिन चला था धरना इस चर्चित मामले में मृतक डॉक्टर महेश मीणा की पत्नी और परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कई दिन तक उपखण्ड मुख्यालय पर धरना दिया था। यह धरना क्षेत्रीय विधायक और पुलिस अधिकारियों के आश्वासन पर समाप्त हुआ था। तभी से पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई थी। पुलिस ने अपने अनुसंधान के बाद इस मामले को हत्या के लिए उकसाने का मामला माना है। थानाधिकारी पीरसिंह ने बताया कि इस मामले में पहले दो आरोपी डॉ. जितेन्द्र निवासी गोठ थाना बामनवास हाल निवासी जयपुर जगतपुरा व देवेश जोशी निवासी अशोक बिहार कर्मचारी कॉलोनी अलवर को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तीसरे आरोपी दशरथ की गिरफ्तारी हुई है। दशरथ पर जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से 5 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था।