विद्यालय में विज्ञान व कृषि संकाय खोलने के लिए निरंतर मांग की जाती रही है। तहसील मुख्यालय पर दो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। जिनमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय है। यहां पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 370 छात्र एवं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में 350 बालिकाएं अध्ययनरत हैं । इसके बावजूद भी यहां दोनों ही विद्यालय में केवल कला वर्ग के अध्ययन की ही सुविधा उपलब्ध है। इन दोनों ही विद्यालय में कला वर्ग के अलावा अन्य कोई संकाय नहीं है मजबूरन छात्रों को कला वर्ग में ही प्रवेश लेना पड़ता है। गौरतलब है कि यहां विद्यालयों में शुरुआत से ही एकमात्र कला वर्ग ही संचालित हो रहा है। कला वर्ग के अलावा दोनों ही विद्यालयों में अन्य कोई संकाय नहीं है। कला वर्ग में भी हिंदी साहित्य, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान विषय में ही स्वीकृत हैं।
व्यवसायिक शिक्षा का नहीं विकल्प
इन विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा का विकल्प भी उपलब्ध नहीं है। विकल्प उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के छात्र इच्छा के विरुद्ध अध्ययन के लिए मजबूर हैं। विज्ञान एवं एग्रीकल्चर विषय नहीं होने से क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां के छात्र छात्राओं का मेडिकल व कृषि क्षेत्र में अध्ययन एक सपना बन गया है। क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को मन मसोसकर कला वर्ग में ही प्रवेश लेना पड़ता है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य उदय सिंह जाटव ने बताया कि विद्यालय में विज्ञान एवं एग्रीकल्चर विषय के लिए विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
5 हजार से अधिक आबादी निगाहों में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम से सरकारी स्कूल खोलने की राज्य सरकार की घोषणा के बावजूद भी मासलपुर तहसील मुख्यालय इससे वंचित रह गया। कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में कस्बे में महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय नहीं खुल पाया ।यहां दो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। कस्बे समेत क्षेत्र के लोगों की इच्छा थी, कि राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय रूपांतरित कर दिया जाए। इसके लिए विधिवत तरीके से नोडल अधिकारी द्वारा प्रस्ताव भी भेजा गया। लेकिन कुछ नहीं हुआ। युवा नेता अभिमन्यु कौशिक समेत कई लोगों ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान एवं एग्रीकल्चर विषय व अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जाने की मांग
की है।