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मिसाल: दान की बेशकीमती भूमि, बेसहारा, विमंदितों को मिला भवन में आसरा

locationकरौलीPublished: Jan 14, 2021 10:04:33 am

Submitted by:

Anil dattatrey

Example: Precious land of charity, helpless, destitute found shelter in the building
-तीन अनजाने नायकों ने हिण्डौन में ‘अपनाघर’ के लिए दान की थी एक करोड़ की जमीन
मकर संक्रांति पर विशेष…

मिसाल: दान की बेशकीमती भूमि, बेसहारा, विमंदितों को मिला भवन में आसरा

मिसाल: दान की बेशकीमती भूमि, बेसहारा, विमंदितों को मिला भवन में आसरा

हिण्डौनसिटी. आपाधापी के दौर में लोग जब दो गज जमीन कब्जाने नहीं चूकते, उस जमाने में करीब एक करोड़ रुपए की बेशकीमती भूमि को बेसहारा, विमंदित लोगों के आसरे के लिए दान करना वाकई बड़ी बात है। भक्त प्रहलाद की नगरी के नाम से ख्यात हिण्डौन ये तीन अनजाने नायक मोहनलाल गोयल (महू वाले), अशोक सर्राफ व चार्टेड़ अकाउंटेंट अनिल बंसल हैं। इन भामाशाहों ने दो वर्ष पहले महवा रोड़ पर क्यारदा कलां गांव के पास सडक़ किनारे स्थित 18 एयर भूमि को अपनाघर आश्रम के लिए दान कर दिया था। इस भूमि पर जनसहयोग से बनकर तैयार दो मंजिला आश्रम में अब ममतामयी गतिविधियां संचालित हो रहीं है।
प्रभुजी को मिलता अपनो सा प्यार और दुलार-
जो लोग सडक़, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थल, अस्पताल और निर्जन स्थानों के पास बेसहारा पड़े होते हैं, जिनके तन पर कपड़ा और जख्मों के दर्द के लिए दवा के अलावा पेट की भूख बुझाने के लिए भोजन तो दूर पानी तक मयस्सर नहीं होता है। ऐसे बेसहारा लोगों के लिए अपना घर आश्रम में बनाया गया है। आश्रयहीन लोगों को यहां अपनो सा प्यार और दुलार तो मिलता ही है, साथ ही उन्हें ‘प्रभुजी कह कर संबोधित किया जाता है।
अपनों से बिछुड़े 93 लोगों को पहुंचाया घर-
शहर के बयाना मोड़ पर रामपुरा भवन में अपना घर की स्थापना चार वर्ष पहले हुई थी। इन चार सालों में बिहार, यूपी, एमपी, उडीसा, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, झारखंड व राजस्थान समेत देश के विभिन्न इलाकों से भटक हिण्डौन पहुंचे 93 विमंदित और बेसहारा लोगों को उपचार के बाद स्वस्थ किया गया। इसके उपरांत परिजनों को बुलाकर उन्हें सौंप दिया। विगत छह माह से नए भवन में संचालित अपनाघर में फिलहाल 87 प्रभुजी रह रहें है।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है अपनाघर-
आश्रम अध्यक्ष राकेश गोयल ने बताया कि संस्थापक डॉ. बीएम भारद्धाज की प्रेरणा से हिण्डौन निवासी भामाशाह मोहनलाल गोयल, अशोक सर्राफ व अनिल बंसल द्वारा क्यारदा कलां गांव के पास दान दी गई 18 एयर भूमि पर 22 जून 2020 से आश्रम संचालित हो रहा है। सभी सुविधाओं से सुसज्जित 150 आवासीय क्षमता वाले इस भवन में आवासी के साथ डिस्पेंसरी, मनोरंजन एवं सत्संग हॉल, भंडार गृह, सेवक आवास, सैलून, कार्यालय तथा ग्रीन गार्डन की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
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