किसानों का गुस्सा देख गौशाला का मैनेजर व चौकीदार भी भाग गए। किसानों ने गौशाला में मृतावस्था में मिली आठ गायों को लेकर नाराजगी जताई और हंगामा कर दिया। सूचना पर तहसीलदार कृष्ण मुरारी खंडेलवाल, गिरदावर, पटवारी व पुलिस जाप्ता के साथ मौके पर पहुंचे तथा किसानों से समझाईश की। शाम को अतिरिक्त जिला कलक्टर सुरेश कुमार व एसडीओ सुरेश कुमार बुनकर ने उपखंड कार्यालय में गौशाला समिति के पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर मामले की जानकारी ली। बाद में किसानों द्वारा प्रवेश कराए गए 173 गौवंश को तहसीलदार ने अधिकृत रूप से गौशाला में भर्ती कराया।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब नौ बजे फुलवाड़ा, चमरपुरा, काचरौली आदि गावों के सैंकडों किसान आवारा गौवंश को लेकर गौशाला पहुंचे और जबरदस्ती गेट खोल कर गौवंश को अंदर घुसा दिया। किसानों की नजर गौशाला में मृत पड़ी आठ गायों पर पड़ी तो वे भडक़ गए और हंगामा शुरू कर दिया। किसानों को गुस्सा देख गौशाला मैनेजर कौशल चौधरी व चौकीदार शिवदयाल वहां से भाग गए।
बाद में किसानों पत्थरगड़ी कर की गई तारबंदी को उखाड़ दिया। इससे खेतों में घुसा गौवंश चरी, बाजरा, ग्वार व तिल की फसल को चर गया। गौशाला समिति के अध्यक्ष विशम्भर बंडीभोला ने बताया कि गौशाला में जिन गायों की मौत हुई है। उन्हें पुलिस द्वारा गौशाला में भर्ती कराया गया था। तभी से ये गायें बीमार चल रही थी।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले किसानों ने एसडीओ को ज्ञापन सौंप आवारा गौवंश के कारण फसलों में हो रहे नुकसान से अवगत कराया था। लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इससे नाराज किसान आसपास के गावों में आवारा घूमते गौवंश को एकत्रित कर गौशाला पहुंच गए और हंगामा कर दिया।