विभिन्न रोगों के उपचार के लिए रक्त नमूनों की जांच के उद्देश्य से करीब तीन वर्ष पहले सामान्य चिकित्सालय में करीब 30-35 लाख रुपए कीमत की फुली ऑटो एनालाइजर मशीन आई थी। नई टेक्नोलॉजी की इस मशीन से उम्मीद जागी थी कि रोगियों को समय पर जांच रिपोर्ट मिल सकेंगी, लेकिन चिकित्सालय प्रबंधन की लापरवाही से यह मशीन 3 वर्ष से अनुपयोगी रखी थी। इससे इस पर धूल छा रही थी। ऐसे में बिना उपयोग के ही मशीन खराब भी हो गई।
अब चिकित्सालय में जांच नमूनों के बढ़ते दबाव के कारण चिकित्सालय प्रशासन को बंद रखी इस मशीन की सुध आई है। मशीन चालू करने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। संबंधित कम्पनी के इंजीनियर ने मशीन को दुरुस्त कर दिया है। अभी तक कहा जा रहा था कि मशीन के रिजेंट (किट) काफी महंगे हैं, इस कारण इसे शुरू करने में परेशानी है। लेकिन अब चिकित्सालय में इस मशीन के रिजेंट आने से अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त कर ली गई हैं।
सटीक जांच और कम समय
फुली ऑटो एनालाइजर का बड़ा फायदा यह है कि इसमें एक साथ अनेक नमूनों की जांच संभव हो पाती है। साथ ही जांच में भी प्रमाणिकता और सटीकता रहती है। इसके चालू होने पर समय की काफी बचत भी होगी।
फुली ऑटो एनालाइजर का बड़ा फायदा यह है कि इसमें एक साथ अनेक नमूनों की जांच संभव हो पाती है। साथ ही जांच में भी प्रमाणिकता और सटीकता रहती है। इसके चालू होने पर समय की काफी बचत भी होगी।
इससे लैब कार्मिकों को काम के दबाव से राहत मिलेगी, वहीं रोगियों का घंटों तक जांच रिपोर्ट का इंतजार भी खत्म हो सकेगा। जानकारों के अनुसार मशीन से बॉयो कैमिस्ट्री के अन्तर्गत आने वाली जांचें होती हैं। प्रमुख रूप से लीवर, किडऩी, हृदय सहित अन्य सामान्य जांचें भी शामिल हैं। इस मशीन से जांच रिपोर्ट कम्प्यूटर की स्क्रीन पर नजर आती है।
करना पड़ता है इंतजार
वर्तमान में सामान्य चिकित्सालय की लैब में सेमी ऑटोलाइजर मशीन से रोगियों के सैम्पलों की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार चिकित्सालय की लैब में प्रतिदिन 150 से 200 तक रोगियों की जांच की जा रही है। शुगर, यूरिया, क्रिटिनिट, एसजीओटी, एसजीपीटी, सीरम विल्ड्रोन, टोटल प्रोटीन एल्बोमिन सहित अन्य विभिन्न जांचें होती हैं। सेमी ऑटोलाइजर से जांच करने की प्रक्रिया में काफी समय लगता।
वर्तमान में सामान्य चिकित्सालय की लैब में सेमी ऑटोलाइजर मशीन से रोगियों के सैम्पलों की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार चिकित्सालय की लैब में प्रतिदिन 150 से 200 तक रोगियों की जांच की जा रही है। शुगर, यूरिया, क्रिटिनिट, एसजीओटी, एसजीपीटी, सीरम विल्ड्रोन, टोटल प्रोटीन एल्बोमिन सहित अन्य विभिन्न जांचें होती हैं। सेमी ऑटोलाइजर से जांच करने की प्रक्रिया में काफी समय लगता।
इसके चलते रोगियों को कई घण्टे तक जांच का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में रोगी जांच के इंतजार में बैठे रहते हैं, तब तक चिकित्सालय समय पूरा होने पर चिकित्सक चले जाते हैं। इसके बाद या तो रोगी उस जांच को दिखाने के लिए चिकित्सक के घर पहुंचता है, या फिर चिकित्सक के दूसरी पारी में चिकित्सालय आने का इंतजार करता है।
शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है
फुली ऑटो एनालाइजर मशीन को शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। रिजेंट मंगाने के साथ अन्य व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। केवल आरओ सिस्टम से प्रोपर टीडीसी के पानी व्यवस्था के लिए कम्पनी को अवगत कराया है। इसी माह मशीन शुरू हो जाएगी, जिससे स्टाफ और रोगियों को फायदा मिल सकेगा।
डॉ. भुवनेश बंसल, उपनियंत्रक, सामान्य चिकित्सालय, करौली
फुली ऑटो एनालाइजर मशीन को शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। रिजेंट मंगाने के साथ अन्य व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। केवल आरओ सिस्टम से प्रोपर टीडीसी के पानी व्यवस्था के लिए कम्पनी को अवगत कराया है। इसी माह मशीन शुरू हो जाएगी, जिससे स्टाफ और रोगियों को फायदा मिल सकेगा।
डॉ. भुवनेश बंसल, उपनियंत्रक, सामान्य चिकित्सालय, करौली